कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बेंगलुरू में शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर चुनावी बॉन्ड के मुद्दे को लेकर भाजपा पर तीखे हमले किए हैं और गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस ने इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि आज खुलासा हो गया है कि कैसे बीजेपी ने इन चुनावी बॉन्ड से पैसा बनाया है।
उन्होंने आरोप लगाया एसबीआई डेटा से पता चलता है कि दान में करीब 50 प्रतिशत चुनावी बॉन्ड भाजपा को और केवल 11 प्रतिशत बॉन्ड कांग्रेस को मिले हैं।
खड़गे ने सवाल उठाया कि उन्हें इतना पैसा कैसे मिल सकता है? ऐसी कंपनियाँ इतना दान कैसे दे सकती हैं?कई संदिग्ध दानदाता हैं। जिन लोगों ने दान दिया है उनमें से कई या तो ईडी मामलों में या आयकर विभाग की जांच के दायरे में हैं।
खड़गे ने कहा कि मैं इस पूरे मामले की जांच की मांग करता हूं। एक विशेष जांच कराई जानी चाहिए। जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, उनके (बीजेपी) खाते भी फ्रीज कर दिए जाने चाहिए।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस चुनावी बांड घोटाले के लिए प्रधानमंत्री को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। वह मुख्य व्यक्ति हैं, और वह खुद दावा करते हैं कि "ये मोदी की सरकार, ये मोदी की पार्टी," इसलिए उन्हें इसके लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
हमारे पास पैसा था, लेकिन हमारे फंड फ्रीज कर दिए गए थे। हम चुनाव कैसे आगे बढ़ा सकते हैं? यदि आप विपक्षी पार्टी के खाते फ्रीज कर देंगे तो वे चुनाव कैसे लड़ेंगे?
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, पीएम मोदी कहते हैं, ''ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा'', लेकिन ऐसा लगता है कि उनका मतलब केवल यही था कि ''सिर्फ भाजपा को खिलाऊंगा''
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कई संदिग्ध दानदाता हैं। ये लोग हैं कौन? ये कौन सी कंपनियां हैं? इतनी सारी कंपनियों ने ईडी, आईटी और सीबीआई छापों के बाद ही दान क्यों दिया है? ऐसी कंपनियों पर दबाव किसने डाला?
हम भाजपा द्वारा भ्रष्टाचार की इस गाथा की जांच के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय से उच्चतम स्तर की जांच की मांग करते हैं।
उन्होंने कहा कि जोर-जबरदस्ती से पैसा लूटकर लोकतंत्र को ध्वस्त करने की यह घिनौनी गाथा है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार चुनाव को खरीद रही है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को सील किया जा रहा है, ताकि पार्टी चुनाव न लड़ पाए। पीएम मोदी लोकतंत्र को किस दिशा में धकेल रहे हैं, ये आप सबके सामने है।
वहीं कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कल, जब सूची आई, तो 2018 से जारी किए गए कुल 22,217 बांड थे, लेकिन वेबसाइट पर केवल 18,871 बांड थे। 3,346 बांडों का विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। एसबीआई ने उन्हें उपलब्ध नहीं कराया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि वे कौन लोग हैं जिन्हें मोदी सरकार बचाने की कोशिश कर रही है? इसकी जांच होनी चाहिए। जांच में आईटी और ईडी छापों को इन बांडों से जोड़ा जाना चाहिए। चुनावी बांड के माध्यम से दान देने वाली अधिकांश कंपनियों पर या तो आईटी या ईडी द्वारा छापा मारा गया है या उन्होंने भाजपा के दबाव में बांड खरीदे।
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस पूरे मामले की जांच की जाए। साथ ही तब तक के लिए भाजपा के खातों को तत्काल फ्रीज किया जाए।