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राहुल के समर्थन में केजरीवाल बोले- विपक्ष को ख़त्म करने की साज़िश

राहुल के समर्थन में केजरीवाल बोले- विपक्ष को ख़त्म करने की साज़िश

मोदी सरनेम वाले बयान के लिए सजा सुनाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन में आए हैं। जानिए उन्होंने क्यों कहा कि विपक्ष को ख़त्म करने की साज़िश हो रही है।

मोदी सरनेम वाले बयान पर राहुल गांधी को गुजरात की एक सत्र अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस नेताओं ने तो राहुल का बचाव करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा ही, दूसरे विपक्षी दलों के नेता भी राहुल के समर्थन में आए हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ ही आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा है कि 'विपक्षी नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें ख़त्म करने की साज़िश हो रही है'।

केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ मतभेद होने की बात का ज़िक्र करते हुए कहा है कि भले ही उनके बीच में मतभेद हैं लेकिन राहुल जी को इस तरह मुक़दमे में फँसाना ठीक नहीं है। 

आप प्रमुख का यह समर्थन चौंकाने वाला है। ऐसा इसलिए कि हाल में आप नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री मोदी को ख़त लिखने वाले विपक्षी दलों में कांग्रेस शामिल नहीं थी। इस महीने की शुरुआत में आठ विपक्षी दलों के नौ नेताओं ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ख़त लिखा था और कहा था कि बीजेपी में शामिल होने वाले भ्रष्ट राजनेताओं के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

ख़त लिखने वालों में आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के अलावा, भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस के प्रमुख चंद्रशेखर राव, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी, एनसीपी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे शामिल थे। चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में कांग्रेस, डीएमके और वामपंथी दलों के नेता शामिल नहीं थे।

उन्होंने खत में कहा था, 'विपक्षी सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग यह बताता है कि हम एक लोकतंत्र के रूप में एक निरंकुशता की ओर बढ़े हैं... सिसोदिया के खिलाफ आरोप पूरी तरह आधारहीन हैं और इससे एक राजनीतिक साजिश की बू आती है।'

पत्र में 2014 के बाद से केंद्रीय जाँच एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई का भी ज़िक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि इसमें से ज्यादातर विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ थे और उसमें से जो बीजेपी में शामिल हुए थे, उन्हें कई मामलों में नामित होने के बावजूद छोड़ दिया गया था।

जब उस ख़त पर हस्ताक्षर करने वालों में कांग्रेस शामिल नहीं थी तो सवाल उठ रहा था कि आख़िर 2024 के चुनाव से पहले विपक्षी एकता कैसे संभव है जब वे एकजुट होने वाले काम ही नहीं कर पा रहे हैं।

बहरहाल, केजरीवाल का राहुल का समर्थन देने से अब 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता में एक नए समीकरण का संकेत मिल सकता है। 

अभिनेता और मक्कल निधि मय्यम के नेता कमल हासन ने राहुल के समर्थन में लिखा है, 'राहुलजी, मैं इस समय आपके साथ खड़ा हूं! आपने अधिक परीक्षा की घड़ियों का सामना किया है और अनुचित क्षण देखे हैं। हमारी न्याय व्यवस्था इतनी मज़बूत है कि न्याय प्रदान करने में होने वाली गड़बड़ियों को ठीक कर सकती है। हमें यकीन है, सूरत कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आपकी अपील पर आपको न्याय मिलेगा! सत्यमेव जयते!!'

उधर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राहुल को सजा दिए जाने के निर्णय से असहमत हूँ। उन्होंने कहा है कि गैर भाजपा सरकारों और नेताओं को षडयंत्र का शिकार बनाया जा रहा है। 

शिवसेना (यूबीटी' की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया है, 'न्यायपालिका के पूरे सम्मान के साथ। राहुल गांधी का दोषी क़रार देना ठीक नहीं है और इसके दूरगामी परिणाम होंगे। विपक्षी नेताओं को लगातार निशाना बनाना निंदनीय है और यह उन आवाजों को खामोश नहीं करेगा जो लोगों के लिए बोलती हैं और सरकार के जी हुजूर होने से इनकार करती हैं।'

हालाँकि बीजेपी ने अदालत के फ़ैसले का स्वागत किया और राहुल गांधी की कथित टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की। बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने कहा है, 'एक व्यक्ति बार-बार बचकाना काम करता है और अदालत से फटकार खाता है। मुझे लगता है कि भविष्य में और मामले उनके सामने आएँगे। परिपक्वता समय के साथ आती है। लेकिन चार बार सांसद और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष होने के बावजूद, वह यह नहीं समझते कि क्या कहना चाहिए और क्या नहीं कहना चाहिए।'

भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि उन्होंने भी गांधी की टिप्पणी के कारण अपमान महसूस किया है। उन्होंने कहा, 'मैंने भी पटना की एक अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मामला दायर किया था। मुझे उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा।'

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