अडानी समूह को धारावी प्रोजेक्ट पर कांग्रेस के सवाल
धारावी के पुनर्विकास का प्रोजेक्ट अडानी समूह को सौंपे जाने पर विवाद बढ़ रहा है। कांग्रेस ने इस पर तमाम सवाल उठाए हैं। महाराष्ट्र आवास विभाग के मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के आखिरी दिन, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धारावी पुनर्विकास परियोजना को मंजूरी दे दी। जिसे सरकार अडानी समूह के साथ साझेदारी में करेगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह 'इस बात का एक और उदाहरण है कि कैसे पीएम मोदी ने अपनी राज्य सरकारों को अपने करीबियों के लिए एटीएम मशीन में तब्दील कर दिया है।'
जयराम रमेश ने ट्वीट करके कहा कि "एक विवाद के कारण मूल टेंडर रद्द होने के बाद, शिंदे-फडणवीस सरकार ने टेंडर की शर्तों को बदलने के लिए अद्भुत कलाबाजी की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीएम मोदी के सबसे करीबी दोस्त ही एकमात्र संभावित विजेता हों।"
उद्धव ठाकरे की यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, "एक उद्योगपति के नए युग के गुलामों/गुलामों से मिलें।"
“Deputy CM Devendra Fadnavis who was handling the housing portfolio cleared the GR a day before he handed ver charge to his colleague Atul Save on Friday.”
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) July 15, 2023
Meet the new age slaves/gulams of an Industrialist. pic.twitter.com/BZLF9SM8Wn
धारावी पुनर्विकास परियोजना क्या है?
मुंबई में स्थित धारावी एशिया का सबसे बड़ा स्लम एरिया है। यह प्रोजेक्ट पिछले साल नवंबर में अडानी प्रॉपर्टीज ने जीता था। बोली लगाने वालों में डीएलएफ, नमन डेवलपर्स शामिल थे। 2018 में, धारावी परियोजना के लिए जो टेंडर निकला था, उसमें दुबई स्थित सेकलिंक टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी थी। जब फडणवीस-शिंदे सरकार ने परियोजना के लिए नई बोली बुलाई तो दुबई की कंपनी ने अदालत का रुख किया। राज्य सरकार ने कहा कि दुबई की कंपनी के साथ कोई निर्णायक अनुबंध नहीं है। परियोजना में कुल 6.5 लाख झुग्गीवासियों का पुनर्वास किया जाएगा।