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कृषि क़ानून: सड़क पर उतरे कांग्रेसी, राजभवनों का किया घेराव

कृषि क़ानून: सड़क पर उतरे कांग्रेसी, राजभवनों का किया घेराव

कृषि क़ानूनों के मसले पर ख़ासी मुखर कांग्रेस आज देश भर में राज्यपालों के आवास (राजभवन) का घेराव कर रही है। 

कृषि क़ानूनों के मसले पर ख़ासी मुखर कांग्रेस आज देश भर में राज्यपालों के आवास (राजभवन) का घेराव कर रही है। दिल्ली में इसकी अगुवाई कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कर रहे हैं। कांग्रेस ने 15 जनवरी को किसान अधिकार दिवस के रूप में मनाने का एलान किया था। यह प्रदर्शन राज्यों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेशों में भी हो रहा है। कांग्रेस लगातार कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग कर रही है। 

दूसरी ओर, किसानों के आंदोलन को 50 से ज़्यादा दिन हो चुके हैं। सिंघु, टिकरी, ग़ाज़ीपुर और हरियाणा-राजस्थान के शाहजहांपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान भयंकर सर्दी के बीच भी धरने पर बैठे हुए हैं। 

किसानों के लगातार बढ़ते जा रहे आंदोलन से निपट पाने में परेशान मोदी सरकार को विपक्ष के हमलों का भी सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों में कांग्रेस विशेषकर कृषि क़ानूनों को लेकर खासी मुखर है। राहुल गांधी इस मसले पर पंजाब में ट्रैक्टर यात्रा निकालने से लेकर लगातार ट्वीट कर सरकार पर दबाव बढ़ा रहे हैं। 

राहुल गांधी ने एक बार फिर कहा है कि सरकार को ये क़ानून वापस लेने ही होंगे। गुरूवार को मदुरै पहुंचे राहुल ने कहा कि वे किसानों के साथ खड़े हैं और आगे भी खड़े रहेंगे। राहुल ने कुछ दिन पहले कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पार्टी नेताओं के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात कर उन्हें दो करोड़ हस्ताक्षर और एक ज्ञापन भी सौंपा था।

ज्ञापन में इन तीनों कृषि क़ानूनों को तुरंत निरस्त करने की मांग की गई थी और इन्हें किसान, कृषि और ग़रीब विरोधी बताया गया था। कांग्रेस ने ज्ञापन में कहा था कि इन कृषि क़ानूनों को अध्यादेश के जरिये थोपा गया और यहां तक कि जानबूझकर देश की संसद को दरकिनार किया गया। 

किसान आंदोलन और कमेटी पर देखिए वीडियो- 

हुड्डा, शैलजा के नेतृत्व में जुटे कांग्रेसी

किसान आंदोलन से प्रभावित राज्य हरियाणा में भी कांग्रेस ने राजभवन का घेराव किया है। हरियाणा में सरकार चला रही बीजेपी-जेजेपी के विधायकों में किसान आंदोलन के कारण खलबली है और उन्हें हर जगह किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। 

हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया। कुमारी शैलजा का कहना है कि सरकार कृषि क़ानूनों को रद्द करने के बजाए बातचीत का नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 60 से ज़्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। हुड्डा ने कहा कि इस कठिन वक्त में कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और उनकी हरसंभव मदद कर रही है। 

पंजाब में तो कांग्रेस इन कृषि क़ानूनों को लेकर खासी मुखर है ही और किसानों के समर्थन में लगातार प्रदर्शन कर रही है। पंजाब से कांग्रेस के कई सांसद पिछले एक महीने से दिल्ली के जंतर-मंतर पर इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ धरना दे रहे हैं।

कमेटी को लेकर विवाद

किसानों व सरकार के बीच जारी गतिरोध को ख़त्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 4 सदस्यों की एक कमेटी बनाई लेकिन कमेटी को लेकर विवाद शुरू हो गया और कहा गया कि इसमें शामिल सभी सदस्य कृषि क़ानूनों के घोर समर्थक रहे हैं।

कमेटी से अलग हुए मान 

इस कमेटी में शामिल भूपिंदर सिंह मान ने गुरूवार को ख़ुद को इससे अलग कर लिया। मान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और ऑल इंडिया किसान को-ऑर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख भी हैं। मान ने कहा है कि वह पंजाब और देश के किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। ऐसे में कमेटी के गठन पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। 

 - Satya Hindi

किसान संगठनों के नेताओं ने कमेटी के सामने पेश होने और उससे बात करने से साफ इनकार कर दिया है। किसानों का कहना है कि कमेटी में शामिल चारों लोग पहले ही कृषि क़ानूनों का समर्थन कर चुके हैं, ऐसे में आख़िर वे इन कमेटियों के सामने क्यों पेश होंगे। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे इस आंदोलन को और तेज़ करेंगे। इससे इस मसले का हल निकलना और मुश्किल हो गया है।

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