+
कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव: मनीष तिवारी ने उठाए सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव: मनीष तिवारी ने उठाए सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए जिस तरह G-23 गुट के नेता लगातार एक के बाद एक बयान जारी कर रहे हैं उससे निश्चित रूप से कांग्रेस नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

आगामी अक्टूबर महीने में होने जा रहे कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सांसद मनीष तिवारी ने सवाल उठाए हैं। तिवारी ने कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री को ट्विटर पर टैग कर पूछा है कि जब मतदाता सूची सार्वजनिक नहीं की गई है तो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कैसे हो सकते हैं। तिवारी ने कहा है कि निष्पक्ष चुनाव के लिए सारे मतदाताओं के नाम और पते भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की वेबसाइट पर पारदर्शी ढंग से प्रकाशित किए जाने चाहिए। 

इससे पहले केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए। राजनीतिक गलियारों में ऐसी खबरें हैं कि शशि थरूर कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 की ओर से अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार हो सकते हैं। 

G-23 गुट के प्रमुख चेहरे गुलाम नबी आजाद पार्टी छोड़ चुके हैं और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उनके निशाने पर हैं। 

मनीष तिवारी ने बुधवार को ट्वीट किया, “मधुसूदन मिस्त्री ने मीडिया से कहा है कि मतदाता सूची सार्वजनिक नहीं की जाती है लेकिन कांग्रेस पार्टी का कोई सदस्य इसकी जांच करना चाहता है तो वह पीसीसी कार्यालय में जाकर जांच कर सकता है और किसी भी उम्मीदवार के द्वारा नामांकन दाखिल करने के बाद उसे इस मतदाता सूची को दिया जाएगा।” 

बता दें कि कांग्रेस ने अध्यक्ष के चुनाव के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन 24 से 30 सितंबर तक भरे जा सकेंगे। एक से ज्यादा उम्मीदवार होने की स्थिति में 17 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 19 अक्टूबर को मतों की गिनती के साथ ही नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। पार्टी का कोई भी नेता अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकता है। 

 - Satya Hindi

पंजाब की आनंदपुर साहिब सीट से लोकसभा सांसद तिवारी ने पूछा है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में मतदाता कौन हैं, यह जानने के लिए किसी को भी पीसीसी के हर दफ्तर में क्यों जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए वह मधुसूदन मिस्त्री से मतदाता सूची को प्रकाशित करने का आग्रह करते हैं। 

इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने भी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को एक ढकोसला बताया था। इसके बाद मधुसूदन मिस्त्री ने द हिंदू से कहा था कि किसी को भी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के निष्पक्ष रुप से होने पर कोई भी संदेह नहीं होना चाहिए।

‘जो कल तक मंत्रियों के चपरासी थे…’ 

तिवारी ने कुछ दिन पहले कहा था कि जो लोग वार्ड का चुनाव लड़ने की क्षमता नहीं रखते, वे कांग्रेस का इतिहास बता रहे हैं। उन्होंने कहा था कि जो लोग कल तक मंत्रियों के चपरासी थे वे अब कांग्रेस के बारे में ज्ञान देते हैं। सांसद ने कहा था कि इससे उन कार्यकर्ताओं को जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस में लगाई है, उनके मन को ठेस पहुंचती है। तिवारी ने यह बात न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कही थीं। 

सीडब्ल्यूसी में भी हों चुनाव

इसके अलावा G-23 गुट के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चौहान चाहते हैं कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी यानी सीडब्ल्यूसी में भी सदस्यों का चुनाव निर्वाचन के जरिए होना चाहिए। शशि थरूर ने भी सीडब्ल्यूसी के एक दर्जन पदों के लिए चुनाव कराने की मांग की है।

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए जिस तरह G-23 गुट के नेता लगातार एक के बाद एक बयान जारी कर रहे हैं उससे निश्चित रूप से कांग्रेस नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने और उनके समर्थन में जम्मू-कश्मीर में हो रहे धड़ाधड़ इस्तीफों की वजह से कांग्रेस को पहले ही बड़े झटके लग चुके हैं। 

कांग्रेस 7 सितंबर से भारत जोड़ो यात्रा भी शुरू करने वाली है और उससे ठीक पहले पार्टी नेताओं के कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सवाल उठाए जाने से निश्चित रूप से पार्टी को मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है। अभी यह भी तय नहीं है कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा क्योंकि राहुल गांधी अध्यक्ष बनने से पूरी तरह इनकार कर चुके हैं जबकि कई वरिष्ठ नेता खुलकर कह चुके हैं कि राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष होना चाहिए। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें