कांग्रेस को जल्द मिलेगा नया अध्यक्ष?
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक आगामी 10 अगस्त को होगी। इस बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के कई नेताओं ने इस बात की जानकारी दी थी कि संसद के मौजूदा सत्र के ख़त्म होने के फौरन बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जा सकती है और इसी बैठक में नए अध्यक्ष पर फ़ैसला हो सकता है। रविवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बाक़ायदा ट्वीट करके कार्यसमिति की बैठक 10 अगस्त को बुलाये जाने की जानकारी दी।
पार्टी की तरफ़ से कार्यसमिति की बैठक बुलाये जाने की जानकारी तो दी गई है लेकिन इसके एजेंडे के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन समझा जाता है इस बैठक में अन्य मुद्दों के साथ-साथ कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर भी फ़ैसला होगा। बल्कि कार्यसमिति का मुख्य एजेंडा ही नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके अलावा हाल ही में पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित और पार्टी प्रवक्ता और केंद्रीय मंत्री रहे जयपाल रेड्डी के निधन पर कांग्रेस कार्यसमिति आधिकारिक रूप से शोक प्रकट करेगी। कार्यसमिति में देश के मौजूदा राजनीतिक हालात और कश्मीर को लेकर चल रही सियासी सरगर्मियों पर भी प्रस्ताव आ सकता है।
कुछ दिन पहले ही 'सत्य हिंदी' ने अपने पाठकों को बताया था कि 15 अगस्त से पहले कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल सकता है और नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए संसद के मौजूदा सत्र के फौरन बाद कार्यसमिति की बैठक बुलाई जा सकती है।
23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद 25 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गाँधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़े की पेशकश कर दी थी। तमाम वरिष्ठ नेताओं की मान-मनौव्वल की पुरज़ोर कोशिशों के बावजूद राहुल गाँधी इस्तीफ़ा देने के अपने फ़ैसले से टस से मस नहीं हुए।
फिर होगी राहुल को मनाने की कोशिश
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक़, सबसे पहले कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से एक सुर में राहुल गाँधी से अपना इस्तीफ़ा वापस लेने की एक बार फिर पुरज़ोर कोशिश की जाएगी। अगर राहुल गाँधी मान जाते हैं तो उन्हें नए सिरे से अध्यक्ष बनाकर संगठन में फेरबदल का पूरा अधिकार दे दिया जाएगा। अगर राहुल इसके लिए नहीं मानते हैं तो उनकी जगह पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा को नया अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी पार्टी के कुछ नेता दे सकते हैं। अगर प्रियंका भी अध्यक्ष पद पर लेने से इनकार करती हैं तो फिर उनके परिवार से बाहर के किसी नेता को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाने पर फ़ैसला करना ही होगा।बता दें कि राहुल ने इस्तीफ़ा देते समय यही कहा था कि नए अध्यक्ष के लिए उनके परिवार में उनकी माँ और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गाँधी या उनकी बहन प्रियंका गाँधी के नाम पर चर्चा नहीं की जाए। राहुल की शर्त के बावजूद पार्टी के कई वरिष्ठ नेता प्रियंका को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाने की न सिर्फ़ कोशिश कर रहे हैं बल्कि उनके हक़ में बाकायदा मुहिम चला रहे हैं।
प्रियंका के ज़िम्मेदारी लेने से इनकार के बावजूद कई वरिष्ठ नेता उन्हें ही पार्टी का नया अध्यक्ष बनाने बनाए जाने के हक़ में हैं। उनका कहना है कि प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस के सभी नेताओं का विश्वास है और प्रियंका को आगे बढ़कर इस जिम्मेदारी को संभालना चाहिए।
नेताओं से माँगे थे चार नाम
बता दें कि पार्टी में नए अध्यक्ष के चयन को लेकर चल रही प्रक्रिया पर कई वरिष्ठ नेताओं के सवाल उठाए जाने के बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी महासचिवों और प्रभारियों को चिट्ठी लिखकर नए अध्यक्ष के लिए अपनी पसंद के चार नाम बंद लिफाफे में देने को कहा था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सभी महासचिवों और प्रभारियों ने नए अध्यक्ष पद के लिए अपने नाम संगठन महासचिव को दे दिए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक़, अगर राहुल और प्रियंका अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए राज़ी नहीं होते हैं तो फिर कार्यसमिति की बैठक में बंद लिफ़ाफ़े को खोलकर उनमें आए नामों में से किसी एक नाम पर सहमति बनाने की कोशिश होगी।
इससे पहले कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देने की कोशिश की गई लेकिन सभी ने इनकार कर दिया।
कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि सबसे पहले यह ज़िम्मेदारी एके एंटनी फिर मल्लिकार्जुन खड़गे उनके बाद अशोक गहलोत और फिर सुशील कुमार शिंदे को देने की पेशकश की गई थी। लेकिन इन सभी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुने जाने की गुपचुप चल रही प्रक्रिया पर कांग्रेस के ही कई वरिष्ठ नेताओं ने एतराज़ जता कर सार्वजनिक रूप से कार्य समिति की बैठक बुलाने की माँग की थी।
पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. कर्ण सिंह ने बाक़ायदा बयान जारी कर और कांग्रेस के दिग्गज नेता जनार्दन द्विवेदी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कार्यसमिति की बैठक बुलाने की माँग की थी। उन्होंने तो यहाँ तक कहा था कि पार्टी का नया अध्यक्ष चुनने के लिए कौन किस से क्या बात कर रहा है कुछ पता नहीं चल रहा। कई वरिष्ठ नेताओं की माँग के बावजूद बैठक किसी ना किसी बहाने यह बैठक टाली जाती रही।
पिछले महीने राहुल गाँधी ने 4 पेज की चिट्ठी टि्वटर पर पोस्ट करके बाक़ायदा कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया था। चिट्ठी में राहुल ने इस बात पर सख़्त नाराज़गी जताई थी कि पार्टी ने नया अध्यक्ष चुनने में एक महीना बर्बाद कर दिया।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक़, कुछ दिन पहले संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ हुई महासचिवों और प्रभारियों की बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने सभी नेताओं से अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम पर चर्चा नहीं करने का निवेदन किया है। उन्होंने पार्टी नेताओं से साफ़ कह दिया है कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी संभालने के लिए क़तई तैयार नहीं हैं। वैसे भी राहुल कह चुके हैं कि नए अध्यक्ष का चुनाव करते वक्त उनके परिवार यानी उनकी माँ और उनकी बहन के नाम पर चर्चा नहीं की जाए और उनके इस फ़ैसले का पार्टी को सम्मान करना चाहिए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कार्यसमिति में होने वाले विचार मंथन से कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए किसका नाम निकलता है।