कांग्रेस की महू रैली में राहुल-प्रियंका के भाषण पर बैन! राजनीति तेज़
मध्य प्रदेश के महू में कांग्रेस की 27 जनवरी को आयोजित रैली के पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के अपमान और अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस देश भर आंदोलन की श्रृंखला चला रही है। इसी कड़ी में सोमवार को महू में आयोजित कांग्रेस के जलसे में राजनीतिक और धार्मिक भाषण न करने की शर्त सहित प्रशासन द्वारा रैली को लेकर दी गई अनुमति को लेकर राजनीति गर्मा गई है।
कांग्रेस कई दिनों से महू जलसे की तैयारियां कर रही है। बाबा साहेब की जन्मस्थली महू में होने वाले इस आयोजन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ देश भर के कांग्रेस नेता जुट रहे हैं। कांग्रेस का प्रयास जलसे को अब तक का सबसे बड़ा जलसा बनाने का रहा है।
जलसे की अनुमति का पत्र जिला प्रशासन ने पहले 23 जनवरी को जारी किया। इस पत्र के बाद विवाद गहरा गया। दरअसल, आधा दर्जन से कुछ ज़्यादा शर्तों के साथ दी गई पहली अनुमति का प्वाइंट नंबर 6 विवाद का कारण बना।
जिला प्रशासन ने जलसे को लेकर नियमित शर्तों के साथ शर्त नंबर 6 में कहा, ‘कार्यक्रम के समय अनाउन्समेंट (भाषण) करने के दौरान कोई भी राजनैतिक व धर्मविरोधी भाषण प्रतिबंधित रहेगा। इस शर्त के बाद हंगामा मचा तो आनन-फानन में जिला प्रशासन ने संशोधित अनुमति जारी की। इस अनुमति में ‘राजनैतिक’ भाषण शब्द हो हटा लिया गया है।
इंदौर जिला कांग्रेस के ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव के आवेदन के बाद एसडीएम कार्यालय से जारी अनुमति पत्र में कहा गया है कि शर्तों का उल्लंघन करने पर अनुमति निरस्त मानी जाएगी।
नई अनुमति के बाद कांग्रेस नेताओं के राजनैतिक भाषण का रास्ता ज़रूर खुल गया है, लेकिन विवाद हो चुका है, लिहाजा अब पूरे मसले पर राजनीति तेज है।
कांग्रेस ने सरकार को लिया आड़े हाथ
मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के भूपेन्द्र गुप्ता ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी का बाबा साहेब को लेकर रवैया पहले ही साफ़ था। संसद में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भाषण ने भाजपाई मानसिकता को पूरी तरह से फिर देश के सामने ला दिया।’
गुप्ता ने कहा, ‘महू का जलसा ऐतिहासिक होने वाला है। केन्द्र की सरकार को इसकी भनक है। जलसे को कैसे फेल किया जाये, बाधाएं डाली जायें, इसका कुत्सित प्रयास दिल्ली के इशारे पर हो रहा है। भाजपा का चेहरा देश के सामने है। जलसे में अब यह और ज्यादा जोर से एक्सपोज होगा।’
महू में कांग्रेस की रैली की तैयारियां एक नज़र में
- एक लाख वर्ग फीट में पंडाल बनाया जा रहा।
- आयोजन स्थल पर तीन मंच बनाए जा रहे।
- एक मंच पर राहुल, प्रियंका और खड़गे रहेंगे।
- दूसरे मंच पर बाकी वीआईपी लोग बैठेंगे।
- तीसरे मंच पर कबीर भजनों की प्रस्तुतियां होंगी।
- एक लाख से अधिक लोगों के आने का अनुमान।
- सुरक्षा के लिए 800 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
- महू और इंदौर में 30 से ज्यादा होटल बुक।
- होटलों में बाहर से आने वाले नेता-कार्यकर्ता रुकेंगे।
- सभा स्थल के सामने रिसार्ट में वीवीआईपी मेहमान रुकेंगे।
- पांच जगहों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
- दो हेलीपैड बनाए, पहला तेलीखेड़ा और दूसरा बोरखेड़ी में बनाया।
महू यात्रा कांग्रेस का ढोंगः मोहन यादव
कांग्रेस की इस रैली को लेकर सीएम मोहन यादव ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आंबेडकर जी के लिए नेहरू जी, इंदिरा जी और राजीव जी ने कभी कुछ नहीं किया। हमारी पार्टी ने सदैव ही आंबेडकर जी के योगदान को सम्मान दिया है। कांग्रेस ने डॉ. आंबेडकर को लोकसभा में नहीं पहुंचने दिया। कांग्रेस ने ये पाप किया है। देश की जनता कांग्रेस की करतूत जानती है। कांग्रेस आज बगुला भगत बनकर बाबा साहेब की जन्म स्थली से यात्रा निकालने का ढोंग कर रही है।
बीजेपी नेता ने कांग्रेस से 52 लाख रुपए क्यों मांगे?
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके महू के पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार ने कांग्रेस पार्टी से 52 लाख रुपए मांगे हैं। 27 जनवरी को कांग्रेस की सभा से पहले शनिवार को अंतरसिंह दरबार ने अपनी मांग को लेकर धरना दिया। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम तहसीलदार को ज्ञापन भी सौंपा।
दरबार ने आरोप लगाया कि 2 जून 2016, 30 अक्टूबर 2018 और 26 नवंबर 2022 तक राहुल गांधी की सभा समेत तीन कार्यक्रम करवाए थे। इस पर 52 लाख 23 हजार 245 रुपए खर्च हुए थे। यह पैसा पार्टी को देना था, लेकिन जब पैसा नहीं दिया, तो जमीन बेचकर कर्ज चुकाना पड़ा। दरबार ने ये पैसा कांग्रेस से वापस मांगा है। उन्होंने कहा कि मैंने इसी नाराजगी के चलते कांग्रेस छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था।