कर्फ्यू तोड़कर कर्नाटक में निकला पानी के लिए कांग्रेस का मार्च - नम्मा नीरू, नम्मा हक्कू
कर्नाटक में 8,906 कोविड केस हो गए हैं। डीके शिवकुमार ने कहा कि "कोई कोरोना नहीं है। "हम पानी के लिए यात्रा कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी सरकार हमें रोकना चाहती है ... लेकिन यहां कोई कोरोना वायरस नहीं है, कोई बीमारी नहीं है। उन्होंने धारा 144 (बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए) हमारे लिए ही लागू की है।
कांग्रेस का मार्च 10 दिनों में 100 किमी की दूरी तय करने वाला है। कर्नाटक सरकार द्वारा सप्ताहांत कर्फ्यू का आदेश सोमवार सुबह 5 बजे तक प्रभावी है।
इस मार्च में हजारों लोग तेज धूप के नीचे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े दिखाई दिए। इस दौरान ही कई लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अवहेलना की और कम ही लोगों ने फेस मास्क पहने। खुद शिवकुमार ने लोगों से घिरे होने के बावजूद फेस मास्क नहीं पहना था।
कर्नाटक में पिछले 72 घंटों में 22,000 से अधिक कोविड 19 मामले सामने आए हैं।
रामनगर जिले में शनिवार को 28 नए मामले दर्ज किए गए। जिला प्रशासन ने पहले ही शिवकुमार को नोटिस दिया था कि वे कर्फ्यू का उल्लंघन न करें, लेकिन कांग्रेस नेता ने अनुरोध को खारिज कर दिया और कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की कसम खाई। शिवकुमार ने आज घोषणा की कि 100 से अधिक विधायक और 200 पूर्व विधायक और मंत्री, साथ ही अभिनेता और धार्मिक नेता, या तो मार्च में भाग ले रहे थे या उन्होंने अपना समर्थन दिया था। शिवकुमार ने कहा कि क्या कोरोना सिर्फ कांग्रेस के लिए है। बीजेपी केवल भय पैदा करने की कोशिश कर रही है। यहां कोई बीमारी नहीं फैली है। ... जब मुख्यमंत्री ने बैंक्वेट हॉल में शपथ ली तो 5,000 से अधिक लोग थे। जब कोरोना वहां नहीं फैला... तो यहां क्यों फैलेगा? मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस के भव्य विरोध के समय पर सवाल उठाया है और नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।