यूपी: जानिए, महिलाओं के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में क्या है खास
उत्तर प्रदेश में 'लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ' का नारा देने वाली कांग्रेस ने अब महिलाओं के लिए घोषणापत्र जारी किया है। जानिए, क्या है इस घोषणापत्र में।
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को लखनऊ में महिलाओं के लिए अलग घोषणापत्र जारी किया।
उन्होंने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा, 'मुझे उम्मीद है कि यह देश में महिलाओं के लिए आखिरी घोषणापत्र नहीं है। मुझे उम्मीद है कि अन्य राजनीतिक दल इससे सीख लेंगे और महिलाओं के लिए घोषणापत्र जारी करेंगे।'
उन्होंने कहा कि घोषणापत्र को छह हिस्सों में बांटा गया है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ये छह हिस्से- स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत हैं-
1. स्वाभिमान
- यूपी में आगामी चुनावों में महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत टिकट।
2. स्वावलम्बन
- वादा की गई 20 लाख नौकरियों में से 40 प्रतिशत महिलाओं के लिए।
- 50 प्रतिशत से अधिक महिला कार्यबल वाले व्यवसायों को कर छूट सहित विशेष प्रोत्साहन।
- पुरुष केंद्रित व्यवसायों में महिलाओं के लिए विशेष कोटा।
- सभी सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य क्रेच सुविधा (शिशु देखभाल सुविधा), निजी कार्यालयों को प्रोत्साहन।
- आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगा 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय।
- मनरेगा कार्य में महिलाओं को 40 प्रतिशत आरक्षण।
- राज्य में 50 प्रतिशत राशन की दुकानें महिलाओं द्वारा चलाई और संचालित की जाएंगी।
3. शिक्षा
- 12वीं कक्षा के छात्रों को स्मार्टफोन दिया जाएगा। स्नातक की पढ़ाई करने वालों को स्कूटी दी जाएगी।
- माध्यमिक विद्यालयों में लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति।
- प्रदेश के सभी 75 जिलों में बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे।
- व्यावसायिक प्रशिक्षण में एकल माताओं के लिए वित्त पोषित कार्यक्रम।
4. सम्मान
- महिलाओं के लिए निःशुल्क सार्वजनिक परिवहन।
- बुजुर्ग महिलाओं को एक हजार रुपए मासिक पेंशन।
- विधवा महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- प्रदेश की प्रत्येक महिला को एक वर्ष में तीन निःशुल्क गैस सिलेंडर।
5. सुरक्षा
- पुलिस बल में महिलाओं को 25 प्रतिशत नौकरी। सभी थानों में तैनात होंगी महिला हवलदार।
- महिलाओं के उत्पीड़न और अन्य महिला विरोधी अपराधों के मामलों को देखने के लिए राज्य स्तर पर छह महिलाओं (दो न्यायाधीश, दो कार्यकर्ता, दो सरकारी अधिकारी) वाले विशेष आयोग का गठन किया जाएगा।
- महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों की जांच के लिए सभी जिलों में एक विशेष कानूनी प्रकोष्ठ।
6. सेहत
- सभी बीमारियों के लिए प्रति परिवार 10 लाख रुपये तक का मुफ्त चिकित्सा उपचार।