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टीएमसी बोली- हमारे साथ विलय कर ले कांग्रेस

टीएमसी बोली- हमारे साथ विलय कर ले कांग्रेस

पांच चुनावी राज्यों में कांग्रेस को करारी हार मिली है। उसने किसी नए राज्य में जीत हासिल करने के बजाए अपना पुराना राज्य पंजाब भी गंवा दिया है। 

पांच राज्यों में मिली करारी चुनावी हार के बाद टीएमसी ने कांग्रेस पर तंज कसा है। टीएमसी ने कहा है कि कांग्रेस बीजेपी से राष्ट्रीय स्तर पर लड़ने में फेल रही है। पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मंत्री और टीएमसी नेता फिरहाद हाकिम ने कहा है कि कांग्रेस को टीएमसी में अपना विलय कर लेना चाहिए और इसके लिए यही सही वक्त है। 

टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि हम लंबे वक्त से इस बात को कह रहे हैं कि कांग्रेस बीजेपी से नहीं लड़ सकती है। बीजेपी से लड़ने के लिए हमें ममता बनर्जी जैसे नेता की जरूरत है और कांग्रेस को इस बात को समझना चाहिए।

बीते साल बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद टीएमसी ने कई बार कांग्रेस पर हमला किया है। ममता बनर्जी यूपीए कुछ नहीं है जैसा बयान दे चुकी हैं और वह यूपीए से इतर विपक्षी दलों का एक फ्रंट खड़ा करने की कोशिश में हैं। 

टीएमसी ने अपने मुखपत्र जागो बांग्ला में भी कई बार कांग्रेस पर हमला बोला है। 

टीएमसी के बयान पर बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने जवाब दिया है। चौधरी ने कहा है कि टीएमसी बीजेपी की सबसे बड़ी एजेंट है और अगर वह बीजेपी से लड़ने के लिए गंभीर है तो उसे कांग्रेस में अपना विलय कर लेना चाहिए। 

बीजेपी ने पूछा सवाल

टीएमसी और कांग्रेस की जुबानी जंग में बीजेपी नेताओं ने गोवा में टीएमसी के प्रदर्शन पर चुटकी ली है। पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बीजेपी के चेहरे होंगे और पांच राज्यों के चुनावी नतीजों से यह साफ हो गया है कि टीएमसी पश्चिम बंगाल के बाहर कहीं भी नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस बात को तय करना चाहिए कि उसका चेहरा कौन होगा ममता बनर्जी या अरविंद केजरीवाल। 

बता दें कि पांच चुनावी राज्यों में कांग्रेस को करारी हार मिली है। उसने किसी नए राज्य में जीत हासिल करने के बजाए अपना पुराना राज्य पंजाब भी गंवा दिया है। 

बंगाल में जिस तरह टीएमसी ने बीजेपी को धूल चटाई थी और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने अपनी सरकार बनाई है, उसके बाद से यह सवाल खड़ा हो गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों की अगुवाई कौन करेगा। कांग्रेस की हालत बेहद पतली दिख रही है और ऐसा मुश्किल दिखता है कि उसके झंडे तले विपक्षी दल एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ लड़ेंगे। 

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