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राहुल से पूछताछ के 'लीक' पर कांग्रेस ने दिया सरकार को क़ानूनी नोटिस

राहुल से पूछताछ के 'लीक' पर कांग्रेस ने दिया सरकार को क़ानूनी नोटिस

राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ को लेकर मीडिया में लीक हो रही रिपोर्टों पर कांग्रेस ने क्यों एतराज जताया है? जानिए उसने किस वजह से क़ानूनी नोटिस भेजा है। 

प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को राहुल गांधी से लगातार तीसरे दिन भी पूछताछ की। इसी पूछताछ को लेकर कांग्रेस ने सरकार को एक क़ानूनी नोटिस भेजा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि मीडिया को ग़लत जानकारी दी जा रही है कि राहुल सवालों से कैसे निपट रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार उस क़ानूनी नोटिस में समाचार चैनलों की रिपोर्टों का हवाला दिया गया है।

यह नोटिस ऐसे समय पर दिया गया है जब राहुल गांधी और सोनिया गांधी को ईडी के समन और पूछताछ की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है। उसका आरोप है कि मुख्य विपक्षी दल के ख़िलाफ़ बदले की कार्रवाई की जा रही है। बुधवार को प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के कई सांसदों को पुलिस ने 24, अकबर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय जाने से रोक दिया। इस इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है और पुलिस ने किसी भी तरह के जमावड़े पर रोक लगा दी है। कांग्रेस के कई सांसद इस वजह से पार्टी के दफ्तर नहीं पहुंच सके और उन्हें वापस लौटना पड़ा। 

इसी बीच, कांग्रेस द्वारा गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को भेजे गए नोटिस में सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए प्रवर्तन निदेशालय का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है। उसमें कहा गया है कि यह ग़लत है कि मीडिया में 'लीक' का इस्तेमाल सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

आज भेजे गए क़ानूनी नोटिस में अपनी बात रखने के लिए समाचार चैनलों की तीन रिपोर्टों का हवाला दिया गया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार नोटिस में कहा गया है कि इन चैनलों ने अज्ञात सूत्रों के आधार पर दावा किया है कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी राहुल पूछताछ करने वालों के सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं और 'अपने वकीलों द्वारा सिखाए गए लगते हैं'। नोटिस में कहा गया है कि सरकार को इन जानबूझकर किए जा रहे लीक को रोकना चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार नोटिस में कहा गया है, 'सुप्रीम कोर्ट ने कई मौक़ों पर दोहराया है कि ऐसे मामलों में, जहाँ जाँच लंबित है, मीडिया में समय से पहले खुलासा या लीक होना क़ानून के शासन के लिए अभिशाप है।' नोटिस में कहा गया है कि यह एक विफल एजेंसी का अंतिम शरण होता है।

बता दें कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। 

बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया और राहुल गांधी ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएट जरनल लिमिटेड यानी एजेएल का 90.25 करोड़ का कर्ज अपने नाम ट्रांसफर करवा लिया। इसके बाद एजेएल के 90 फ़ीसदी शेयर भी यंग इंडिया के नाम ट्रांसफर हो गए। एजेएल की बड़ी संपत्ति भी है। अब आरोप इस बात को लेकर है कि यंग इंडिया कम्पनी एजेएल की प्रॉपर्टी को हड़पना चाहती है। सुब्रह्मण्यम स्वामी का केस हाईकोर्ट में लम्बित है लेकिन ईडी की पूछताछ यंग इंडिया में पैसे के लेनदेन को लेकर की जा रही है।

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