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खड़गे बोले- 'पीएम मोदी जहरीले साँप की तरह'; बीजेपी हमलावर

खड़गे बोले- 'पीएम मोदी जहरीले साँप की तरह'; बीजेपी हमलावर

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के एक बयान पर बवाल हो गया है। जानिए, आख़िर क्यों बीजेपी हमलावर है और खड़गे ने सफ़ाई में क्या कहा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कह दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'जहरीले साँप की तरह' हैं। इस पर बीजेपी बिफर गई। भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएँ आईं और इसने कहा कि यह 'कांग्रेस की संस्कृति' को दिखाता है कि वे प्रधानमंत्री मोदी के लिए 'अपशब्दों' का इस्तेमाल करते हैं। बीजेपी की कर्नाटक इकाई ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में खड़गे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। हालाँकि इस बीच खड़गे ने सफ़ाई दी है और कहा है कि उनकी टिप्पणी बीजेपी की विचारधारा के ख़िलाफ़ थी, और यह व्यक्तिगत हमला नहीं था।

राज्य में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खड़गे ने कन्नड़ में कहा था, 'मोदी एक जहरीले सांप की तरह हैं। इस साँप को चाटने की कोशिश मत करो यह जांचने के लिए कि यह जहरीला है या नहीं। यदि आप इसे चखते हैं, तो आप मर चुके होते हैं।' बाद में उन्होंने ट्वीट कर सफाई दी कि उनका मतलब था कि बीजेपी सांप की तरह है।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने यह भी कहा कि वह बीजेपी की 'नफरत की राजनीति' के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'मेरी टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी या किसी अन्य व्यक्ति पर व्यक्तिगत हमला नहीं थी, बल्कि उनकी विचारधारा पर थी।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लड़ाई व्यक्तिगत नहीं बल्कि एक वैचारिक लड़ाई है।

उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, 'मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था और अगर जाने-अनजाने में किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मेरा इरादा यह कतई नहीं था।'

खड़गे ने मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब में कहा, 'मैंने पीएम मोदी को ऐसा नहीं कहा। मैंने पहले भी कहा है कि मैं व्यक्तिगत हमले नहीं करता। मैंने जो कहा वह यह था कि विचारधारा जहरीली थी। यदि आप विचारधारा का समर्थन करते हैं और इसका स्वाद चखना चाहते हैं, तो मृत्यु निश्चित है।'

बाद में एक रैली में खड़गे ने कहा, 'मैं यह स्पष्ट कर रहा हूं। मैंने कभी किसी को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं कहा, या किसी के बारे में ऐसा नहीं कहा। अगर कोई ग़लतफ़हमी है, और अगर मेरी बातों से किसी को ठेस पहुँची है, तो मैं दिल से खेद व्यक्त करता हूँ।' 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक चुनाव के लिए भाजपा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 'कांग्रेस की प्रवृत्ति मोदी को विभिन्न नामों से बुलाने की है। उन्होंने अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए इस अपशब्द का इस्तेमाल किया होगा। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी से खड़गे आते हैं, उसके नेता कभी मोदी को 'मौत का सौदागर', कभी 'दुर्योधन', कभी 'गटर का कीड़ा', कभी 'आम चायवाला' कहते हैं। लोकतंत्र में इस तरह के शब्दों का प्रयोग स्वीकार्य नहीं है।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि इस तरह के बयान कांग्रेस संस्कृति को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा, 'क्या प्रधानमंत्री के बारे में इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना उचित है।'

हालाँकि, इस मामले में सोशल मीडिया पर बीजेपी नेताओं के बयान को भी चलाया जा रहा है और पूछा रहा है कि ये क्या सही भाषा का इस्तेमाल है? ट्विटर यूज़र अशोक कुमार पांडे ने अमित शाह के एक पुराने वीडियो क्लिप को साझा करते हुए लिखा है, 'एक बयान यह भी आया था। इसमें साँप नेवला किसको कहा जा रहा?'

इधर, बीजेपी के हमलों पर कांग्रेस ने भी जवाब दिया है। पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक के प्रभारी एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी कहा कि यह विचारधाराओं की लड़ाई है, व्यक्तियों की नहीं। उन्होंने कहा, 'भाजपा को यह बात हजम नहीं हो रही है कि कर्नाटक में दलित परिवार में पैदा हुआ व्यक्ति ब्लॉक अध्यक्ष के पद से पार्टी अध्यक्ष के पद तक पहुंचा है। क्या बीजेपी किसी दलित को अपना अध्यक्ष बनाने की हिम्मत कर सकती है? क्या ये वही पीएम हैं जिन्होंने इतने मौकों पर महिलाओं का अपमान किया है और आत्महत्या जैसे गंभीर मुद्दे का मजाक उड़ाया है? क्या उन्होंने कभी किसी से माफी मांगी है?'

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