नेहरू का नाम संग्रहालय से हटा; 'संकीर्णता, प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी'
कांग्रेस ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी यानी एनएमएमएल का नाम बदलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि एनएमएमएल एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का खजाना घर रहा है। उन्होंने कहा कि अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और कहा संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है।
कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी तब आई है जब गुरुवार को एनएमएमएल सोसाइटी की एक विशेष बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि नेहरू का नाम अब परिसर से हटा दिया जाएगा। विशेष बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। वह सोसायटी के उपाध्यक्ष हैं। इस फ़ैसले को लेकर ही जयराम रमेश ने आज हमला बोला।
Pettiness & Vengeance, thy name is Modi. For over 59 years Nehru Memorial Museum & Library (NMML) has been a global intellectual lamdmark and treasure house of books & archives. It will henceforth be called Prime Ministers Museum & Society. What won't Mr. Modi do to distort,…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 16, 2023
कांग्रेस नेता ने ट्वीट में कहा है कि 59 से अधिक वर्षों के लिए नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल, पुस्तकों और अभिलेखों का खजाना घर रहा है।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है।'
तीन मूर्ति मार्ग पर बना हुआ प्रधानमंत्री संग्रहालय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का घर रहा था। उनकी मृत्यू के बाद उनकी यादों को संजोने के लिए बाद की सरकारों ने उस घर को मेमोरियल घोषित कर दिया और उसी घर के अहाते में एक लाइब्रेरी का निर्माण कराया। इस लाइब्रेरी में देश के पत्रकार, लेखक, रिर्सच स्टूडेंट नेहरू के समय की सरकारों, उनकी नीतियों और समकालीन देशों की किताबों को पढ़ते हैं।
यह संग्रहालय मौजूदा सरकार द्वारा की जाने वाली कोई नई स्थापना नहीं, बल्कि नई दिल्ली स्थित नेहरू स्मारक एवं पुस्तकालय का ही परिवर्तित स्वरूप है। नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय 1964 में जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद स्थापित हुआ था। इससे पहले यह ऐतिहासिक भवन प्रधानमंत्री के रूप में नेहरू का सरकारी आवास हुआ करता था।
मोदी सरकार ने जब इसे 'पूर्व प्रधानमंत्री संग्रहालय’ में तब्दील करने का फैसला किया था तब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिख कर उनसे अनुरोध किया था कि तीन मूर्ति भवन परिसर के स्वरूप के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न की जाए।
मनमोहन सिंह ने अपने पत्र में लिखा था कि पंडित नेहरू को सिर्फ कांग्रेस पार्टी के साथ ही जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि स्वाधीनता संग्राम के एक महत्वपूर्ण नेता, देश के पहले प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में उनका नाता पूरे देश के साथ था।