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जयपुर: महंगाई हटाओ रैली कल, बड़ी संख्या में जुटेंगे कांग्रेस नेता

जयपुर: महंगाई हटाओ रैली कल, बड़ी संख्या में जुटेंगे कांग्रेस नेता

कांग्रेस लंबे वक़्त से महंगाई के मुद्दे को उठा रही है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह इस मुद्दे पर दिल्ली में बड़ी रैली कर बीजेपी और मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में है। 

केंद्र सरकार को तमाम मुद्दों पर घेरने में जुटी कांग्रेस रविवार को जयपुर में एक बड़ी रैली करने जा रही है। इसे महंगाई हटाओ रैली का नाम दिया गया है। पहले यह रैली दिल्ली के द्वारका में होनी थी लेकिन पार्टी का कहना है कि उसे इसकी इजाजत नहीं दी गई। 

राजस्थान कांग्रेस ने रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताक़त झोंक दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा और प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन लगातार रैली की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस रैली को खिताब करेंगे। 

तमाम जिलों, ब्लॉक व शहर कांग्रेस कमेटियों के कार्यकर्ताओं से पार्टी ने रैली को कामयाब बनाने के लिए कहा है। 

इस रैली में देश भर से कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल होंगे। कांग्रेस की कोशिश इस रैली के जरिये मोदी सरकार को जोरदार ढंग से घेरने की है। रैली में कांग्रेस के सभी फ्रंटल संगठन- जैसे महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई के कार्यकर्ता भी शामिल होंगे। 

शीतकालीन सत्र में कांग्रेस केंद्र सरकार को सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर घेर रही है। कृषि क़ानूनों पर सरकार के बैकफ़ुट पर आने के बाद कांग्रेस को उम्मीद है कि वह बाक़ी मुद्दों पर भी सरकार पर दबाव बनाने में कामयाब होगी। 

पांच राज्यों के चुनाव 

इधर, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस के सामने एक बड़ी चुनौती हैं। महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में तो राहुल गांधी ने बाक़ी चुनावी राज्यों की कमान संभाली हुई है। 

ममता बनर्जी के हमलों के बाद कांग्रेस को शिव सेना का साथ मिला है और माना जा रहा है कि गोवा और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और शिव सेना मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। 

कांग्रेस ने बीते महीनों में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई क़ीमतों के ख़िलाफ़ देश भर में प्रदर्शन किया था। कांग्रेस का कहना है कि 2014 में जब एनडीए की सरकार सत्ता में आई थी तब से सिलेंडर, डीजल-पेट्रोल की क़ीमतें हद से ज़्यादा बढ़ गई हैं और इस वजह से वेतनभोगी और ग़रीब तबका सबसे ज़्यादा प्रभावित हो रहा है। इसके बाद केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीजल के दाम कम करने पड़े थे। 

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