राजस्थान संकट: ऑडियो टेप केस में कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री शेखावत का इस्तीफ़ा माँगा
राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस ने रविवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के इस्तीफ़े की माँग की है। कांग्रेस का कहना है कि यह इसलिए ज़रूरी है कि वह लीक हुए ऑडियो टेप की जाँच को प्रभावित नहीं कर सकें। आरोप लगाया गया है कि इस ऑडियो टेप में कथित तौर पर बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज़ है। इसके साथ ही उनके वाइस सैंपल की माँग भी की गई है।
हालाँकि कांग्रेस द्वारा शेखावत पर आरोप लगाए जाने के बाद अजीब स्थिति सामने आई है। पहले तो शेखावत ने ही ऑडियो टेप में अपनी आवाज़ होने से इनकार कर दिया। फिर बीजेपी ने इस टेप को छेड़छाड़ कर बनाए जाने का आरोप लगाया। लेकिन बाद में बीजेपी प्रवक्ता सांबित पात्रा ने आरोप लगा दिया कि राजस्थान सरकार ग़लत तरीक़े से राजनेताओं के फ़ोन टैप कर रही है।
बीजेपी ने कहा है कि सीबीआई जाँच की जाए ताकि यह पता लगे कि अशोक गहलोत की सरकार ने ग़ैर-क़ानूनी रूप से राजनेताओं के फ़ोन टैप कराए हैं। बीजेपी ने इसका पता लगाने की माँग की कि क्या राजनीतिक नेताओं के फ़ोन टैप करने से पहले एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) का पालन किया गया था? इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार से कथित फ़ोन टैपिंग के मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट माँगी है।
लेकिन इसी बीच अब रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने गजेंद्र सिंह शेखावत के इस्तीफ़े की माँग के साथ ही कहा है कि उन्हें आगे आना चाहिए और अपनी आवाज़ का सैंपल देना चाहिए ताकि ऑडियो क्लिप पर विवाद ख़त्म हो। इसके साथ ही उन्होंने कई सवाल दागे हैं। उन्होंने पूछा कि जब गजेंद्र सिंह शेखावत पर एफ़आईआर दर्ज है और ऑडियो टेप में उनकी आवाज़ है तो वह केंद्रीय मंत्री के पद पर क्यों बने हुए हैं? माकन ने बीजेपी से पूछा कि कांग्रेस के बाग़ी विधायक- भँवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को वाइस सैंपल देने से क्यों रोका जा रहा है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माकन ने यह भी पूछा कि क्या केंद्र सरकार के बड़े नेता भी इसमें शामिल हैं और क्यों पार्टी सीबीआई जाँच से उन नामों को दबाने की कोशिश कर रही है?
अजय माकन ने यह भी पूछा कि अगर बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है तो पायलट खेमे में बाग़ी नेताओं को संरक्षण क्यों दिया जा रहा है और उन्हें मजबूर क्यों किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र, हरियाणा सरकार, आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और दिल्ली पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
बता दें कि दो ऑडियो टेपों के आधार पर कथित तौर पर राज्य सरकार को गिराने की साज़िश रचने के मामले में एफ़आईआर दर्ज की गई है। कांग्रेस ने दो ऑडियो क्लिप के आने के बाद शुक्रवार को दो बाग़ी विधायकों- भँवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया था। आरोप लगाया गया था कि इस ऑडियो क्लिप में दोनों विधायक केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ मिलकर अशोक गहलोत सरकार के ख़िलाफ़ साज़िश रच रहे थे। 19 विधायकों की बग़ावत का सामना कर रही राज्य की कांग्रेस सरकार ने इस कथित साज़िश के पीछे बीजेपी के होने का आरोप लगाया था।
यह शुरुआत में कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई दिख रही थी, लेकिन बाद में इसमें बीजेपी का भी नाम आने लगा। हालाँकि राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक उठापटक में शामिल होने से बीजेपी इनकार करती रही है। सचिन पायलट का बयान भी बीजेपी से ख़ुद को किनारा करने वाला ही रहा है। इसी हफ़्ते पायलट ने साफ़ तौर पर कहा था कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे और पार्टी नेतृत्व के सामने उनकी छवि को ख़राब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह अभी भी कांग्रेसी हैं। हालाँकि कांग्रेस के नेता पायलट के इस दावे पर सवाल उठाते रहे हैं। गहलोत ने 15 जुलाई को कहा था, 'प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष बीजेपी के साथ डील कर रहे थे।'