छत्तीसगढ़ कांग्रेस की गारंटी- कृषि ऋण माफी, उच्च शिक्षा मुफ्त, धान के बेहतर दाम
छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कई वादे किए हैं। कृषि ऋण माफी से लेकर धान के बेहतर दाम और उच्च शिक्षा भी मुफ्त करने तक जैसी घोषणाएँ हैं। कांग्रेस द्वारा रविवार को जारी इस घोषणा पत्र में बीजेपी से आगे निकलने की कोशिश की गई है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा ने रायपुर शहर में घोषणापत्र जारी किया और घोषणा की कि यदि उनकी पार्टी फिर से चुनी जाती है, तो सरकार प्रत्येक किसान से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 20 क्विंटल धान खरीदेगी। यह भाजपा द्वारा वादा किए गए 3,100 रुपये से थोड़ा अधिक है।
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कुमारी शैलजा ने घोषणा की कि तेंदू पत्ता बेचने वालों को अब प्रति बोरी 6,000 रुपये मिलेंगे, जबकि भाजपा के घोषणापत्र में एक बोरी के लिए 5,500 रुपये देने का वादा किया गया था। तेंदू का पत्ता बेचने वालों में ज्यादातर आदिवासी हैं। वन उपज पर प्रति किलोग्राम 10 रुपये अतिरिक्त देने का वादा किया गया है। कांग्रेस ने तिवरा को वन उपज की एमएसपी सूची में जोड़ने का भी फैसला किया है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने भूमिहीन किसानों को 10,000 रुपये और गरीब लोगों को 10 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज का वादा किया है। कांग्रेस ने एक कदम आगे बढ़ते हुए वादा किया है कि गरीबी रेखा से ऊपर यानी एपीएल परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा, जो पहले 50,000 रुपये था।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि वे गैस सिलेंडर रिफिल पर 500 रुपये की सब्सिडी देंगे और राशि सीधे व्यक्ति के बैंक खाते में भेजी जाएगी, जबकि भाजपा ने गरीब परिवारों की महिलाओं को 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने का वादा किया है।
उन्होंने कहा, '2014 से पहले जब कांग्रेस सत्ता में थी तो एक सिलेंडर की कीमत लगभग 450 रुपये थी, लेकिन भाजपा शासन के दौरान यह 1,200 रुपये तक पहुंच गई।"
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शैलजा ने कहा है कि जब कांग्रेस ने घोषणा की कि 17.50 लाख लोगों को आवास योजना से लाभ मिलेगा, तो क्या बीजेपी उन लोगों का एक रैंडम आंकड़ा (18 लाख) लेकर आई, जिन्हें आवास योजना का लाभ मिलेगा। कांग्रेस ने दुर्घटना पीड़ितों के लिए मुफ्त इलाज का भी वादा किया है। इसने शहरों में अंतिम संस्कार को पूरा करने के लिए मुफ्त लकड़ी की आपूर्ति का भी वादा किया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए दिए गए ऋण पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का वादा किया है।
कांग्रेस द्वारा किए गए अन्य वादों में किंडरगार्टन से पोस्ट-ग्रेजुएशन तक डिप्लोमा, आईटीआई, मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों सहित सरकारी संस्थानों में मुफ्त शिक्षा शामिल है। शैलजा ने कहा कि फिलहाल 12वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा दी जाती है। कांग्रेस ने 6,000 सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बदलने का वादा किया है। शैलजा ने कहा, 'ये स्कूल उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देंगे और लोगों को अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजने की ज़रूरत महसूस नहीं होगी।'
उन्होंने कहा कि प्रति माह 200 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों के बिजली बिल माफ कर दिए जाएंगे। 200 यूनिट से अधिक खपत करने वालों को पहली 200 यूनिट के लिए भुगतान नहीं करना होगा।
बता दें कि 2018 में बीजेपी के ख़िलाफ़ तत्कालीन 15 साल की सत्ता-विरोधी लहर के अलावा, कृषि ऋण माफी और धान खरीद के लिए अधिक कीमत के चुनावी वादों को पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की भारी जीत का श्रेय दिया जाता है। 2018 में कृषि ऋण माफी से 18.50 लाख किसानों का ऋण माफ करने में राज्य के खजाने पर लगभग 9,500 करोड़ रुपये का खर्च आया। इस बार यह राशि बहुत अधिक होगी क्योंकि पिछले पांच वर्षों में किसानों की संख्या बढ़ी है।