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बीजेपी: अर्णब गोस्वामी पर हमला करवाने के लिए सोनिया माफ़ी माँगें

बीजेपी: अर्णब गोस्वामी पर हमला करवाने के लिए सोनिया माफ़ी माँगें

सोनिया गाँधी पर अर्णब गोस्वामी की टिप्पणी पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं और दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्र ने कहा है कि पत्रकार अर्णब गोस्वामी पर हमला करवाने के लिए कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी को माफ़ी माँगनी चाहिए। 

बता दें कि एक टीवी बहस में पत्रकार अर्णब  गोस्वामी द्वारा कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी पर गई की टिप्पणी पर बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस और बीजेपी इस मुद्दे पर आमने-सामने आ गई हैं और दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं और माफ़ी माँगने को कह रही हैं। महाराष्ट्र के पालघर में एक गेरुधारी आदमी को पीट-पीट कर मार डालने के मुद्दे पर हो रही बहस के दौरान अर्णब गोस्वामी ने यह टिप्पणी की थी।

संबित पात्र ने ट्वीट कर कहा, 'अर्नब गोस्वामी और उनकी धर्मपत्नी पर हमला करवाने का षड्यंत्र रचने के लिए सोनिया गांधी को माफ़ी माँगनी चाहिये।' उन्होंने पूछा कि इस मुद्दे पर सोनिया गाँधी अब तक चुप क्यों हैं बीजेपी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सहिष्णुता के मुद्दे पर कांग्रेस बखेड़ा खड़ा करती आई है और अब एक पत्रकार पर हुए हमले को लेकर चुप है। 

कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक गोस्वामी की तीखी आलोचना की है।

कांग्रेस का पलटवार

पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘यह बहुत ही बुरी स्थिति है कि प्रधानमंत्री और बीजेपी इस तरह के टीवी एंकरों की तारीफ़ करते रहते हैं।’

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अर्नब गोस्वामी पर हमले के लिए कांग्रेस की आलोचना की है।

सोनिया गाँधी पर हुए हमले की तीखी आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘अर्नब गोस्वामी द्वारा बहुत ही अपमानजनक भाषा में सोनिया गाँधी पर किया गया हमला अस्वीकार्य और शर्मनाक है। वह 22 साल की उम्र में भारत आ गईं, बीते 52 साल से इस देश में हैं और उनके जीवन का बड़ा हिस्सा देश की सेवा में बीता है।’

बीजेपी ने किया बचाव

लेकिन बीजेपी के अमित मालवीय ने गोस्वामी का ज़ोरदार बचाव किया और कहा कि गोस्वामी ने जो कुछ कहा, वह सच है। उन्होंने कहा, ‘सच बोलने के लिए अर्नब पर हमले के लिए कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए। विकी केबल की रिपोर्ट के अनुसार 2013 में सोनिया गाँधी ओड़िशा और कर्नाटक में बजरंग दल को प्रतिबंधित करवाना चाहती थीं, लेकिन एम. के. नारायणन ने उन्हें समझाया कि पेन्टेकोस्टल ईसाइयों द्वारा ज़बरन धर्म परिवर्तन कराने के कारण ओड़िशा में इस तरह के हमले हो रहे हैं।’  

मालवीय ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी इसलिए आलोचना की  कि इस कांग्रेस नेता ने गोस्वामी को पद से हटाने की माँग की।

मालवीय ने कहा, ‘मोदी को गालियाँ दो, पद्म श्री हासिल कर लो और राज्यसभा पहुँच जाओ। और यदि किसी ने सोनिया को सच दिखा दिया तो उसे नौकरी से निकाल दो। यह कैसे चलेगा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एकतरफा नहीं हो सकती।’

'सोनिया ने त्याग किया है'

कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए कि सोनिया गाँधी ने इस देश में 50 साल गुजारे हैं और अपनी सास और पति को देश के लिए शहीद होते देखा है। पर आपका पसंदीदा एंकर पलक झपकाए बग़ैर उन्हें गालियाँ दे रहा है। इस पर आपकी चुप्पी आपका समर्थन जाहिर करती है।’  

जिस बहस पर इतना बवाल मचा हुआ है, उसमें अर्नब गोस्वामी कहते हैं, '...आपकी पार्टी और आपकी पार्टी के रोम से आए हुए इटली वाली सोनिया गाँधी चुप नहीं रहती। आज वो चुप हैं, मन ही मन में मुझे लगता है वो ख़ुश है... वो ख़ुश है कि संतों को सड़कों पर मारा गया, जहाँ पर उनकी सरकार है। रिपोर्ट भेजेगी वो, वो इटली में रिपोर्ट भेजेगी, मैं बोल रहा हूँ। देखिए जहाँ पर मैंने एक सरकार बना ली, वहाँ पर हिंदू संतों को मैं मरवा रही हूँ। और वहाँ से वाहवाही मिलेगी, वाह बेटा वाह! बहुत अच्छा किया सोनिया गाँधी एंटोनियो मायनो।'

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