पीएम की 5 साल मुफ्त राशन की घोषणा, कागज पर दिखा 1 साल ही!
पीएम मोदी ने मुफ्त में राशन योजना पीएमजीकेएवाई को अगले पाँच साल तक बढ़ाने की घोषणा की है, लेकिन सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में एक साल तक बढ़ाए जाने का ही ज़िक्र किया गया है। इसी को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि आख़िर पीएम मोदी की घोषणा और सरकारी दस्तावेज में यह अंतर क्यों है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सरकार द्वारा जारी दस्तावेज के स्क्रीनशॉट को ट्वीट करते हुए लिखा है कि 4 नवंबर को छत्तीसगढ़ चुनाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यानी पीएमजीकेएवाई को अगले 5 वर्षों के लिए बढ़ाया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा, 'लेकिन कल शाम मोदी सरकार की एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया है कि पीएमजीकेएवाई को 1 जनवरी, 2023 से शुरू होने वाले वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है, इसमें प्रधानमंत्री द्वारा घोषित योजना को आगे बढ़ाने का कोई ज़िक्र नहीं है।'
During the Chhattisgarh election campaign on 4th November, the Prime Minister announced that the Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana(PMGKAY)—a rebranding of the National Food Security Act, 2013—is being extended for another 5 years.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 16, 2023
But last evening, an official press… pic.twitter.com/wcN0GgjsUF
इसी बात को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा है कि वास्तव में क्या हो रहा है? उन्होंने सवाल उठाया है कि आख़िर प्रधानमंत्री की घोषणा उनकी सरकार के प्रेस नोट में क्यों नहीं दिखती?
इस सवाल का जवाब पीएम मोदी की घोषणा में भी ढूंढा जा सकता है। सबसे पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 नवंबर को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि मुफ्त में राशन योजना पीएमजीकेएवाई को 5 साल और बढ़ाया जाएगा। इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश में भी चुनावी रैली में इस बात को दोहराया। तब कहा गया कि प्रधानमंत्री की इस घोषणा से देश के क़रीब 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा था, 'मैंने निश्चय कर लिया है कि देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने वाली योजना को भाजपा सरकार अब अगले पांच साल के लिए और बढ़ाएगी। आपका ये प्यार और आशीर्वाद मुझे हमेशा पवित्र निर्णय करने की ताक़त देता है।'
वैसे, पीएम मोदी की घोषणा में तो साफ़-साफ़ कहा गया है कि यह योजना अगले पाँच साल तक चलेगी, लेकिन सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में एक साल का ही ज़िक्र है। तो सवाल उठ रहा है कि क्या इसे हर बार एक-एक साल के लिए बढ़ाया जाएगा? जब इसे एक-एक साल के लिए ही बढ़ाया जाना है तो फिर घोषणा में इसका ज़िक्र क्यों नहीं किया गया?
चुनाव के बीच पीएम मोदी की इस घोषणा की चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला फैसला कहकर आलोचना की जा रही है। विपक्षी दलों ने कहा है कि चुनाव के बीच इस तरह की सरकारी योजना की घोषणा चुनावी आचार संहिता में आती है और इस वजह से यह नैतिक रूप से सही नहीं है।
ऐसी आलोचनाओं को भी पीएम मोदी ने भुनाने की कोशिश की। उन्होंने मध्य प्रदेश के दमोह और मुरैना में चुनावी जनसभा में कहा था कि कांग्रेस वाले परेशान हो गए हैं कि मोदी ने अब 5 वर्ष तक गरीबों के लिए मुफ्त अनाज देने की घोषणा क्यों कर दी है। पीएम ने कहा, 'इन्होंने घोषणा की है कि अब ये चुनाव आयोग जाएंगे, वहां जाकर मोदी के खिलाफ शिकायत करके मुकदमा दर्ज कराएंगे। आप बताइए, मुझे कांग्रेस की इन हरकतों से डरना चाहिए?'