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कांग्रेस का फिर हमला- मोदी के मुंह से 'चीन' शब्द तक नहीं निकलता

कांग्रेस का फिर हमला- मोदी के मुंह से 'चीन' शब्द तक नहीं निकलता

चीन के मुद्दे पर कांग्रेस ने रविवार 18 दिसंबर को पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस ने कहा कि पीएम संसद में चीन पर बहस से भाग रहे हैं। कांग्रेस ने विवेकानंद फाउंडेशन और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बेटे के चीन से रिश्तों को लेकर सवाल उठाए। कांग्रेस ने नया नारा दिया - चीन पर चुप्पी तोड़ो, भारत जोड़ो। पढ़िएः

कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीन पर संसद में बहस से "भागने" का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए न कि रक्षा मंत्री को। विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री अपने मुंह से "चीन" शब्द बोलते ही नहीं हैं। क्या यह चुप्पी उस देश के साथ "घनिष्ठ संबंधों" के कारण है।

पीटीआई ने यह खबर देते हुए बताया है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आज रविवार 18 दिसंबर को एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बीजेपी पर आरोपों की बौछार कर दी। रमेश ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1988 में चीन गए थे। जब हम सीमाओं पर मजबूत थे और उस यात्रा के बाद द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हो गए। लेकिन अप्रैल 2020 में यह सब खत्म हो गया और एक नया अध्याय खुल गया। जब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सीमा में न कोई घुसा था और न कोई घुसा है। इस क्लीन चिट के कारण हमारी स्थिति कमजोर हो गई है।

उन्होंने कहा कि संसद में तवांग की स्थिति पर बहस होनी चाहिए और प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए और विपक्ष के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए। कई पूर्व प्रधानमंत्रियों ने संसद में जवाब दिया है। वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो बहस से भागते हैं और वह चीन शब्द का उच्चारण तक नहीं करते हैं। इस मौके पर जयराम रमेश ने नारा दिया - चीन पर चुप्पी तोड़ो, भारत जोड़ो।

संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि यूपीए द्वारा पश्चिम बंगाल में अपना पहला डिवीजन स्थापित करने के बाद माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी चीन पर जवाब देने से इनकार करते हैं और चीन पर बहस नहीं चाहते हैं। 

प्रधानमंत्री के चीन के साथ घनिष्ठ संबंध हैं क्योंकि वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और चीनी राष्ट्रपति उस देश में एक शीर्ष पद पर थे। दोनों के उसी समय से घनिष्ठ संबंध हैं।


-पवन खेड़ा, कांग्रेस प्रवक्ता, 18 दिसंबर 2022

खेड़ा ने आरोप लगाया कि माउंटेन स्ट्राइक कोर का दूसरा डिवीजन पठानकोट में बनने वाला था, लेकिन चीन को प्यार करने वाले प्रधानमंत्री के सत्ता में आने के कारण यह सामने नहीं आया। खेड़ा ने कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने केवल इस बात को उजागर किया था कि सरकार ने सशस्त्र बलों के हाथ बांध दिए हैं जो वीरता से भरे हुए हैं।

विवेकानंद फाउंडेशन पर सवाल उठायाः खेड़ा ने आरोप लगाया, बहादुर सेना, कायर राजा देश की नई कहानी है।उन्होंने पूछा कि विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन जैसे संगठन, जिनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जुड़े थे, चीन के साथ क्या संबंध रखते हैं।

जिस थिंक टैंक की एक इकाई का नेतृत्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बेटे कर रहे हैं, उसे चीनी दूतावास से तीन बार चंदा मिला।


- पवन खेड़ा, कांग्रेस प्रवक्ता, 18 दिसंबर 2022

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी टिप्पणी में, खेड़ा ने पूछा कि क्या सरकार इन मुद्दों के कारण इस मामले पर चुप है और कहा कि यह सब एक 'रहस्य' है जिसे प्रकट किया जाना चाहिए। उन्होंने चीन की तुलना में भारत की सुरक्षा को मजबूत करने में पिछली कांग्रेस सरकारों की उपलब्धियों को भी गिनाया। 

खेड़ा ने बताया कि सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) 1986-87 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में सातवीं पंचवर्षीय योजना का हिस्सा था। यूपीए सरकार के तहत 2,000 किमी ट्रांस-अरुणाचल राजमार्ग शुरू किया गया था।

बता दें कि राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि सरकार सो रही थी जबकि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा था। गांधी की टिप्पणी पर बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया हुई, जिसमें कहा गया कि वह सशस्त्र बलों के मनोबल को कम कर रहे हैं। संसद में एक बयान में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि चीनी सैनिकों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति को "एकतरफा" बदलने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भी दोनों पक्षों के बीच सीमा विवाद को लेकर आमना-सामना हुआ था।

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