लोकसभा में राहुल गांधी होंगे विपक्ष के नेता
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। मंगलवार को सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद राहुल को 18वीं लोकसभा में विपक्ष का नेता नामित किया गया। बुधवार को लोकसभा में स्पीकर पद पर होने वाले चुनाव से पहले यह फ़ैसला कांग्रेस ने लिया है।
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया गठबंधन के फ्लोर नेताओं की बैठक के बाद राहुल गांधी की नियुक्ति पर निर्णय लिया गया। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कांग्रेस संसदीय दल यानी सीपीपी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र लिखकर बताया है कि राहुल गांधी निचले सदन में विपक्ष के नेता होंगे।
Honourable CPP Chairperson wrote a letter to the Pro-tem Speaker Bhartruhari Mahtab informing the decision of appointment of Shri Rahul Gandhi as the Leader of Opposition in the Lok Sabha.
— Congress (@INCIndia) June 25, 2024
: Congress General Secretary Shri @kcvenugopalmp pic.twitter.com/IKtayhtn3j
इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से राहुल से लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभालने का अनुरोध किया था। इसके बाद उन्होंने कहा था कि वह इस प्रस्ताव पर विचार करेंगे और जल्द ही इस पर निर्णय लेंगे। कांग्रेस कार्यसमिति ने लोकसभा चुनाव के प्रचार में राहुल की भूमिका की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया था। प्रस्ताव में कहा गया था कि राहुल गांधी का अभियान सटीक था और किसी भी अन्य व्यक्ति की तुलना में उन्होंने ही 2024 के चुनावों में हमारे संविधान की सुरक्षा को केंद्रीय मुद्दा बनाया।
एनडीए के खिलाफ मोर्चा संभालने के लिए राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति के निर्णय को स्वीकार कर लिया है और वे लोकसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभालेंगे। बता दें कि बुधवार को लोकसभा में स्पीकर का चुनाव भी है।
परंपरा के अनुसार विपक्ष के किसी सदस्य को उपाध्यक्ष का पद दिए जाने के आश्वासन से इनकार किए जाने के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने अंतिम समय में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का फ़ैसला किया। विपक्ष ने भाजपा के उम्मीदवार ओम बिड़ला के खिलाफ के. सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया।
बुधवार को होने वाला चुनाव दशकों में अध्यक्ष पद के लिए पहला चुनाव होगा। इसके लिए 272 सांसदों के साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है और एनडीए के पास 292 सांसद हैं। उसको वाईएसआर कांग्रेस के 4 सांसदों का समर्थन भी प्राप्त है। भले ही पहले से ही अध्यक्ष बनना एनडीए उम्मीदवार की संभावना है, लेकिन यह विपक्ष का संकेत है कि संसद में चीजें वैसी नहीं रहेंगी जैसी 2014 और 2019 में थीं।
कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय चेहरे माने जाने वाले राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनाने के कदम को भी इसी दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है। 2014 के बाद यह पहली बार है जब कोई विपक्षी दल इस पद के लिए ज़रूरी 52 के जादुई आंकड़े को पार करने में कामयाब रहा है।