कांग्रेस आलाकमान पंजाब के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है। जाखड़ के अलावा केरल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केवी थॉमस के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
जाखड़ और थॉमस को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। थॉमस ने तो उसका जवाब दिया लेकिन जाखड़ ने इसका कोई जवाब नहीं दिया है।
जाखड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को लेकर कथित रूप से एक विवादित टिप्पणी की थी जिस पर पार्टी ने उन्हें नोटिस भेजा था। जबकि केवी थॉमस पार्टी के मना करने के बाद भी सीपीएम की बैठक में शामिल हुए थे।
केरल कांग्रेस के अध्यक्ष के. सुदर्शन ने कांग्रेस नेतृत्व से थॉमस के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। बताया गया था कि थॉमस ने सीपीएम की बैठक में मुख्यमंत्री पी. विजयन की तारीफ की थी।
सोनिया को लिखा था पत्र
उधर, पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सुनील जाखड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की थी। जाखड़ पर विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने का भी आरोप है।
वरिष्ठ नेता हैं जाखड़
जाखड़ एक वक्त में पंजाब में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे लेकिन कहा जाता है कि हिंदू चेहरा होने की वजह से वह मुख्यमंत्री नहीं बन सके। जाखड़ पंजाब में तीन बार विधायक और गुरदासपुर से सांसद भी रहे हैं। वह पंजाब में विपक्ष के नेता और लंबे वक्त तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। उन्हें पंजाब में कांग्रेस के हिंदू चेहरे के रूप में देखा जाता है। उनके पिता बलराम जाखड़ भी कांग्रेस में तमाम बड़े पदों पर रहे थे।
अगर कांग्रेस आलाकमान जाखड़ पर कार्रवाई करता है तो निश्चित रूप से वह अपनी सियासी राह अलग कर सकते हैं। हालांकि वह पहले ही सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का एलान कर चुके हैं। कांग्रेस को पंजाब के विधानसभा चुनाव में करारी हार मिली थी।