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कोयला आयातः आखिर अडानी समूह पर क्यों उठ रहे हैं सवाल

कोयला आयातः आखिर अडानी समूह पर क्यों उठ रहे हैं सवाल

अडानी समूह सरकार की कोयला आयात नीति से किस तरह मालामाल हो रहा है, उसका खुलासा एक रिपोर्ट में किया गया है। आप भी जानिए और क्या कहा गया है उस रिपोर्ट में। 

एनटीपीसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए दो करोड़ टन कोयले के आयात के ऑर्डर दिए हैं। जिसमें से अकेले अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड को 17.3 मिलियन टन का ठेका दिया गया है। गौतम अडानी अब दुनिया के चौथे नंबर के सबसे अमीर उद्योगपति हैं। लेकिन इन दिनों कोयले के धंधे के चलते चर्चा में हैं। अडानी ने अभी हाल ही में एसबीआई से 14 हजार करोड़ का कर्ज भी मांगा था। हालांकि उन पर भारतीय बैंकों का पहले से ही 2.21 करोड़ कर्ज बकाया है। इस कर्जा प्रकरण की वजह से भी वो चर्चा में हैं।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि सरकार की कोयला आयात नीति से किस तरह अडानी समूह को फायदा हो रहा है। देश में इस समय बिजली की मांग पीक पर है। बिजली के हालात को ठीक करने और थर्मल पावर हाउसों को चलाने के लिए कोयला चाहिए होता है। कोयला की कमी की वजह से सरकार को कोयला आयात करना पड़ रहा है।

अडानी समूह को कोयले का आयात करने के लिए भारत की खरीदारी से फायदा हो रहा है। देश की बिजली की दिग्गज कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड से अडानी समूह को भारी मात्रा में आयात ऑर्डर हासिल हो रहा है। 

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, नई दिल्ली स्थित एनटीपीसी ने मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 20 मिलियन टन आयातित कोयले का ऑर्डर दिया है, जिसमें से लगभग 17.3 मिलियन टन कोयले का ऑर्डर अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को दिया गया है।

एनटीपीसी को इस साल अपने संयंत्रों में पहले ही लगभग 70 लाख टन विदेशी कोयला मिल चुका है। यह जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई थी। इसमें से ज्यादा ऑर्डर अडानी समूह के पास था। इकोनॉमिक टाइम्स ने अडानी और एनटीपीसी का पक्ष लेने के लिए ईमेल भेजा, अनुरोध किया, लेकिन तुरंत उसका जवाब नहीं आया।

भीषण गर्मी के दौरान बिजली की मांग और एक महामारी के बाद इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ने से भारत की बिजली की खपत रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई है। इसी वजह से कोयले की आपूर्ति को बढ़ाना पड़ा है। इसी वजह से सरकार ने कंपनियों से आयात करने का आग्रह किया। कोल इंडिया लिमिटेड ने जून में पहली बार आयात टेंडर जारी किया था।

ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के विश्लेषक डेनिस वोंग ने सोमवार को एक नोट में लिखा है कि अडानी समूह आयात में वृद्धि से लाभान्वित होने के बाद जून तिमाही में बेहतर राजस्व रिपोर्ट कर सकता है। यानी अडानी समूह को जून तिमाही में भारी राजस्व मिलने वाला है। पिछले महीने बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार में आयात की वजह से लगभग 11% की वृद्धि हुई है।

 

पत्रकार रवि नायर अडानी समूह को कोयला आयात से हो रहे मुनाफे और सरकार की कोयला आयात नीति को लेकर लगातार सवाल उठाए हैं। दो दिन पहले उनके घर गुजरात पुलिस पहुंच गई। उन्हें गुजरात की कोर्ट में बुलाया गया है, जबकि वो जानते ही नहीं है कि उनके खिलाफ क्या शिकायत की गई है। कहा जा रहा है कि अडानी समूह ने पत्रकार रवि नायर पर मानहानि का केस कर रखा है। उसी सिलसिले में गुजरात पुलिस उनके घर आई थी।

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