दिल्ली-एनसीआर में सीएनजी और पीएनजी की कीमत 3 रुपए बढ़ी
दिल्ली-एनसीआर में सीएनजी और पीएनजी की कीमत 3 रुपए बढ़ गई है। कीमतों में यह बढ़ोतरी शनिवार से लागू हो गई है। इस बढ़ोतरी के बाद इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने दिल्ली में सीएनजी की कीमत 75.61 रुपए से बढ़ाकर 78.61 रुपए प्रति किलो कर दी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में कीमत प्रति किलो 78.17 रुपए से बढ़ाकर 81.17 रुपए कर दी गई हैं।
गुड़गांव में अब सीएनजी की कीमत 86.94 रुपए, रेवाड़ी में 89.07 रुपए, करनाल में 87.27 रुपए, मुजफ्फरनगर में 85.84 रुपए और कानपुर में 89.81 रुपए प्रति किलो हो गई है।
दूसरी ओर, इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पीएनजी की कीमत 53.59 प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (एससीएम) हो गई हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में कीमत 53.46, मुजफ्फरनगर, शामली और मेरठ में 56.97 प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर हो गई है।
तीन दिन पहले महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने भी सीएनजी के दाम में 6 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी की थी। इसकी वजह से मुंबई और आसपास के इलाकों में सीएनजी के दाम बढ़ गए हैं।
80 फीसद का इजाफा
सीएनजी की कीमत में 4 महीने पहले बढ़ोतरी हुई थी जबकि पीएनजी की कीमत 2 महीने पहले बढ़ाई गई थी। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अप्रैल 2021 के बाद से सीएनजी की कीमत में 80 फीसद का इजाफा हो चुका है। दूसरी ओर, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 140 दिन बाद भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपए है जबकि डीजल की कीमत 89.62 रुपए प्रति लीटर है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 106.31 रुपए प्रति लीटर है जबकि डीजल की कीमत 94.27 रुपए प्रति लीटर है।
जबकि अगस्त 2021 के बाद से पीएनजी की दरों में यह 10वीं बढ़ोतरी है। यह बढ़ोतरी 29.93 रुपए प्रति एससीएम या लगभग 91 फीसद है।
नैचुरल गैस को पृथ्वी के नीचे से निकाला जाता है। खाना पकाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है जबकि वाहनों को चलाने के लिए इसे सीएनजी में बदला जाता है। इसका उपयोग बिजली पैदा करने और उर्वरक बनाने के लिए भी किया जाता है।
क्या होगा असर?
सीएनजी की कीमत बढ़ने के बाद ओला और उबर अपने किराए की दरों में इजाफा कर सकती हैं। सीएनजी ऑटो चलाने वाले चालक भी अपना किराया बढ़ा सकते हैं। सीएनजी की कीमतें बढ़ने का असर खाने-पीने की चीजों की कीमतों पर भी पड़ सकता है और फल और सब्जियों की कीमत बढ़ सकती है।
ऑटो ड्राइवर्स का कहना है कि उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा वाहन में ईंधन भराने में चला जाता है और किराया बढ़ाने पर लोग इसका विरोध करते हैं, ऐसे में उनके सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। खाद्य पदार्थों के महंगा होने की वजह से भी लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।