छत्तीसगढ़ सीएम ने भागवत से पूछा, क्या आपका राष्ट्रवाद हिटलर से प्रभावित है?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पर जोरदार हमला बोला है। बघेल ने भागवत के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें संघ प्रमुख ने विजयदशमी के मौक़े पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा था कि कुछ लोग 'लिन्चिंग' शब्द का इस्तेमाल कर देश को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। भागवत ने कहा था कि 'लिन्चिंग' विदेशी शब्द है। तब यह सवाल उठा था कि आख़िर विजयदशमी के मौक़े पर संघ प्रमुख ने लिन्चिंग का मुद्दा क्यों उठाया।
बघेल ने बुधवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह मोहन भागवत से पूछना चाहते हैं कि क्या उनका राष्ट्रवाद का विचार हिटलर और मुसोलिनी से प्रभावित है। बघेल ने कहा, ‘क्या आप हर उस शख़्स से देश से चले जाने को कहेंगे जो आपसे सहमति नहीं रखता। यह महात्मा गाँधी का समावेशी राष्ट्रवाद नहीं है।’
इससे पहले भी बघेल कई बार संघ और दक्षिणपंथी संगठनों को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। गाँधी जयंती के मौक़े पर बघेल ने कहा था कि कुछ लोग दिखावे के लिए गाँधी को याद करते हैं और अगर वे वास्तव में गाँधी के विचारों को मानते हैं तो नाथूराम गोडसे की निंदा करें।
सावरकर पर बोला था हमला
बघेल ने हाल ही में वीर सावरकर पर भी हमला बोला था। बघेल ने कहा था कि सावरकर महात्मा गाँधी की हत्या को लेकर रची गई साज़िश का हिस्सा थे। सावरकर को लेकर बीजेपी और कांग्रेस हमेशा से ही आमने-सामने रहे हैं। बीजेपी जहां सावरकर को महान राष्ट्रवादी, देशभक्त बताती है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि सावरकर अंग्रेजों की यातनाएँ नहीं सह पाये थे और और जेल से आज़ादी पाने के लिए उन्होंने अंग्रेजों का साथ देना और उनकी ग़ुलामी करना स्वीकार कर लिया था।हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से जुड़े नेताओं ने सावरकर की मूर्ति पर कालिख पोत दी थी। तब इसे लेकर बहुत विवाद हुआ था और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तो यह तक कह दिया था कि जो लोग सावरकर को नहीं मानते हैं, उन्हें जनता के बीच में पीटा जाना चाहिए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भी कहा था कि सावरकर के परिवार ने देश की आज़ादी के लिए जो त्याग किया था, उसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। फडणवीस ने कहा था कि सावरकर कई क्रांतिकारियों के गुरु थे और अगर कहीं सावरकर का अपमान होता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
‘गोडसे मुर्दाबाद’ का नारा लगाएं संघ-बीजेपी
मुख्यमंत्री बघेल ने गाँधी जयंती से कुछ दिन पहले कहा था कि आरएसएस या बीजेपी जिस दिन से ‘गोडसे मुर्दाबाद’ का नारा लगा देंगे, उस दिन वह मान लेंगे कि वे सच में गाँधी जी को मानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिस दिन बीजेपी और संघ के उन नेताओं पर जिन्होंने अपने घर में गोडसे की मूर्ति लगाई हुई है, उन पर कार्रवाई हो जायेगी तो वह मान लेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सच्चे गाँधीवादी हो चुके हैं। बघेल के कहने का मतलब साफ़ था कि बीजेपी और संघ के नेता ‘गोडसे मुर्दाबाद’ का नहीं लगा सकते क्योंकि वे उसकी विचारधारा को मानते हैं।
#WATCH: Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel says,"The day BJP, RSS start raising slogan 'Godse murdabad'. I'll accept that they value Mahatma Gandhi. I will accept Modi ji has become true Gandhian when action is taken against those from RSS&VHP who keep Godse's idols in their homes." pic.twitter.com/6EV5glnKkQ
— ANI (@ANI) September 28, 2019
राहुल गाँधी को लेकर बघेल ने कहा कि उनकी योग्यता पर कभी भी किसी ने कोई शक नहीं किया है। बघेल ने कहा कि राहुल ने हमेशा से ही पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है और पार्टी नेता चाहते हैं कि वह आगे भी इसी तरह काम करते रहें। बघेल के इस बयान को लेकर बीजेपी और संघ के नेता पलटवार कर सकते हैं।