केजरीवाल, अमित शाह की बैठक; क्या दिल्ली में कोरोना के बेकाबू होने के आसार?
दिल्ली में तेज़ी से बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण और बिगड़ते हालात पर राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और देश के गृहमंत्री अमित शाह के बीच बैठक हुई है। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि गृहमंत्री ने हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया है। यह बैठक तब हुई है जब दिल्ली में हर रोज़ क़रीब 1200 से 1500 नये मामले आ रहे हैं। एक सरकारी पैनल ने ही अनुमान लगाया है कि दिल्ली में इस महीने के आख़िर में 1 लाख तक कोरोना के मामले आ सकते हैं और हाल में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने कहा था कि जुलाई के आख़िर में क़रीब 5.5 लाख तक मामले आ सकते हैं। यह काफ़ी चिंता करने वाली स्थिति है।
इन्हीं चिंताओं के बीच केजरीवाल और अमित शाह के बीच यह बैठक बुधवार को हुई है। इसके लिए केजरीवाल अमित शाह के आवास पर गए थे। केजरीवाल की तबीयत पिछले कुछ दिनों से ख़राब थी और मंगलवार को ही कोरोना जाँच की उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'माननीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला। दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सभी के सहयोग का आश्वासन दिया।'
Met Sh Amit Shah, Hon’ble HM. Discussed the situation on corona in Delhi in detail. He assured of all cooperation.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 10, 2020
दोनों नेताओं के बीच यह बैठक तब हुई है जब आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच लगातार विवाद होते रहे हैं। दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ़ दिल्लीवालों के ही इलाज के केजरीवाल की घोषणा पर लेफ़्टिनेंट गवर्नर की आपत्ति पर दोनों दलों के बीच स्थिति असामान्य रही। लेफ़्टिनेंट गवर्नर ने केजरीवाल का फ़ैसला बदल दिया और कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में सभी का इलाज होगा। और आख़िरकार केजरीवाल ने भी इस बात को स्वीकार किया।
दरअसल, मुख्यमंत्री की चिंता हाल के दिनों में इसलिए बढ़ी है क्योंकि उनको लगता है कि कोरोना संक्रमण को वह काबू में नहीं कर पाएँगे। हाल की रिपोर्टें कुछ ऐसी ही तसवीर पेश कर करती हैं।
सरकार द्वारा गठित एक पैनल ने अध्ययन कर चार दिन पहले ही कहा है कि दिल्ली में इस महीने के आख़िर में कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या 1 लाख तक पहुँच सकती है। इसके लिए अस्पतालों में 15 हज़ार अतिरिक्त बेड की ज़रूरत होगी। जुलाई के मध्य तक क़रीब 42000 अतिरिक्त बेड चाहिए होंगे।
कोरोना वायरस की स्थिति को संभालने के लिए केजरीवाल सरकार ने 2 मई को पाँच सदस्यों की कमेटी गठित की थी। इस कमेटी का काम यह देखना है कि दिल्ली के अस्पतालों में तैयारी कैसी है, स्वास्थ्य ढाँचा तैयार हो और ज़रूरत के अनुसार स्वास्थ्य सुविधाएँ विकसित की जाएँ।
अब दो दिन पहले ही दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के मामले इसी रफ़्तार के साथ बढ़ते रहे तो 31 जुलाई तक राजधानी में संक्रमण के मामलों की संख्या 5.5 लाख तक पहुँच सकती है। सिसोदिया ने मंगलवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में यह बात कही।
सिसोदिया ने कहा, ‘15 जून तक कोरोना संक्रमण के 44 हज़ार मामले हो जाएँगे और क़रीब 6, 600 बेड की आवश्यकता होगी, 30 जून तक मामले 1 लाख तक पहुँच जाएँगे और 15 हज़ार बेड की आवश्यकता होगी, 15 जुलाई तक क़रीब सवा दो लाख तक मामले हो जाएँगे और 33 हज़ार बेड की ज़रूरत होगी और 31 जुलाई तक दिल्ली में क़रीब साढ़े पाँच लाख केस पहुँच जाएँगे और इसके लिए 80 हज़ार बेड की ज़रूरत होगी।’
बता दें कि फ़िलहाल दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले 31 हज़ार से ज़्यादा हो गए हैं और मरने वालों की संख्या भी 900 से ज़्यादा हो गई है।