+
सीजेआई ने की नूहं हिंसा मामले में दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की व्यवस्था 

सीजेआई ने की नूहं हिंसा मामले में दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की व्यवस्था 

हरियाणा के नूहं में सोमवार को भड़की हिंसा और आगजनी के बाद, विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से तुरंत सुनवाई कर निर्देश देने की मांग की गई थी।  

हरियाणा के नूहं में सोमवार को भड़की हिंसा और आगजनी के बाद, विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से तुरंत सुनवाई कर जरुरी निर्देश देने की मांग की गई। शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत सरकार मामले में दाखिल एक आवेदन में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई कि वह विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर में होने वाले विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगा दे। 

जब यह याचिका लेकर याचिकार्ता के वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तब सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ संवैधानिक बेंच में अपने साथी चार जजों के साथ जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे। इस याचिका के महत्व को देखते हुए उन्होंने अनुच्छेद 370 पर हो रही सुनवाई को कुछ देर के लिए रोक कर दिया। उन्होंने तुरंत, नूहं और उसके आसपास आगे हिंसा नहीं हो इसे सुनिश्चित करने के लिए दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की व्यवस्था कर दी।  

अनुच्छेद 370 पर कोर्ट कर रहा था सुनवाई, तभी आई यह अपील 

जब सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिक पर सुनवाई कर रही थी तभी वकील सीयू सिंह ने नूहं हिंसा के बाद होने वाले विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए सुनवाई करने की अपील सीजेआई के सामने रखी। उन्होंने कहा कि नूहं में हिंसा हुई है और विरोध प्रदर्शनों से यह और भड़क सकती है। 

इस मामले में तुरंत दखल दिया जाए। उनके अनुरोध पर सीजेआई ने कहा कि वो मामले को देखेंगे। इसके बाद जब दोपहर 1 बजे बेंच लंच के लिए उठ रही थी तब सीयू सिंह ने फिर सीजेआई को बताया कि यह एक गंभीर मामला है और इस पर तुरंत सुनवाई की जरूरत है। उनके अनुरोध को उचित मानते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वो तुरंत आदेश जारी करेंगे। 

सीजेआई ने दो सदस्यों वाली स्पेशल बेंच बनाई 

एनडीटीवी इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने संभावित हिंसा रोकने के लिए मामले की सुनवाई तुरंत तीसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की स्पेशल बेंच बना दी। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को दो बजे ही मामले की सुनवाई के लिए लिस्ट करने का आदेश भी दे दिया।  

इस मामले में विशेष बात यह भी थी कि जस्टिस संजीव खन्ना अनुच्छेद 370 पर सुनवाई करने वाली संविधान पीठ में शामिल हैं। ऐसे में सीजेआई ने तय किया कि इस मामले में सुनवाई के बाद संविधान पीठ फिर से अनुच्छेद 370 मामले की सुनवाई शुरू करेगा। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की स्पेशल बेंच ने  इसके बाद मामले की सुनवाई शुरू की, यह दोपहर करीब 2.15 तक चली।  दूसरी तरफ संविधान पीठ में सीजेआई और बाकी तीन जज इंतजार करते रहे।  

 कोर्ट ने कहा, विरोध प्रदर्शनों में भड़काऊ बयान नहीं दिए जाएं

इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शनों पर रोक तो नहीं लगाई लेकिन लेकिन सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इन विरोध प्रदर्शनों में कोई भी भड़काऊ बयान नहीं दिए जाएं। इन विरोध प्रदर्शनों के चलते हिंसा न भड़के इसे सुनिश्चित किया जाए। 

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए और उसके वीडियो सुरक्षित रखे जाएं। साथ ही आवश्यकता होने पर अतिरिक्त पुलिस या पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात करें।नूंह मामले की सुनवाई खत्म कर जस्टिस संजीव खन्ना तुरंत संविधान पीठ के बाकि जजों के पास पहुंचे और इसके पांच मिनट बाद ही 2.20 में संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 पर दुबारा से सुनवाई शुरू कर दी।  

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें