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गोलीबारी के ग़म और कोरोना की दहशत के बीच पूर्वोत्तर में फीका क्रिसमस

गोलीबारी के ग़म और कोरोना की दहशत के बीच पूर्वोत्तर में फीका क्रिसमस

नगालैंड फ़ायरिंग में 14 लोगों के मारे जाने के ग़म से ओटिंग के लोग उबर नहीं पाए कि क्रिसमस आ गया, कैसे त्योहार मना रहे हैं पूर्वोत्तर के लोग?

नगालैंड फ़ायरिंग और उसमें 14 लोगों की हुई मौत के मद्देनज़र इस बार राज्य में बेहद भारी मन से, बगैर उत्साह के और बहुत ही फीके तरीके से क्रिसमस त्योहार मनाया जा रहा है।

मोन ज़िले के जिस ओटिंग गाँव में केंद्रीय सुरक्षा बलों की गोलीबारी में लोग मारे गए थे, वहाँ लोगों ने मृतकों की क़ब्र पर फूल चढ़ाए और उनके सामने ही कैरोल (क्रिसमस के मौके पर गाए जाने वाले गीत) गाए। 

'आउटलुक' पत्रिका के अनुसार, क्रिसमस के मौके पर बहुत ही उत्साह के कैरोल गाने वाले थापवाँग और लालवाँग उन लोगों में से थे, जो 4 दिसंबर को हुई फ़ायरिंग में मारे गए। 

उनकी माँ अवन कोन्याक ने कहा कि वे इन बातों को पीछे छोड़ कर क्रिसमस नहीं मना पा रही हैं। उन्होंने थापवाँग और लालवाँग की सारी चीजें दूसरों को दे दीं, पर उनका गिटार उन्होंने संभाल रखा है, वे उसे किसी को देने की हिम्मत नहीं जुटा पाईं।

कब्र पर क्रिसमस कैरोल!

इस गाँव में 12 नई कब्रें हैं, वे इस गाँव के लोग थे जो सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मारे गए। गाँव के लोग ने शुक्रवार को इन कब्रों पर फूल माला चढ़ाई, क्रिसमस कैरोल गाया और भारी मन से लौट आए। 

वाँगचॉ ने कहा कि गाँव के लोगों के पास जब पैसे होंगे तो इन लोगों की याद में स्मारक बनाया जाएगा। 

ओटिंग बैपटिस्ट चर्च के पादरी नोएकेम कोन्याक ने कहा,

हम क्रिसमस की तैयारियाँ पाँच महीने पहले से ही शुरू कर देते हैं। इस बार वे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं, किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा, सिर्फ प्रार्थना की जाएगी।


नोएकेम कोन्याक, पादरी, ओटिंग बैपटिस्ट चर्च

पूर्वोत्तर में क्रिसमस

उन्होंने यह भी कहा कि "इस फ़ायरिंग के बावजूद भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए प्रार्थना की जाएगी क्योंकि हम खुद को भारतीय ही मानते हैं।"

बैपटिस्ट चर्च के एग्ज़क्यूटिव चेम्यू कोन्याक ने कहा कि पूरा गाँव दुखी है, पर क्रिसमस मनाया जाएगा, जिसमें सिर्फ प्रार्थना होगी। 

राज्य की दूसरी जगहों पर बेहद सादगी के साथ क्रिसमस का त्योहार मनाया जा रहा है। इस बार इस मौके पर इन मारे गए लोगों के लिए प्रार्थना भी की जा रही है। 

 - Satya Hindi

पूर्वोत्तर के एक दूसरे राज्य मिज़ोरम में भी इस बार बहुत ही सादगी व फीके तरीके से क्रिसमस मनाया जा रहा है। 

आइज़ोल में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सार्वजनिक कार्यक्रमों में जुटी रही भीड़ के मद्देनजर सख्ती बढ़ा दी गई है। इसकी वजह से क्रिसमस पर होने वाले समारोह और कैरोल गायब हैं।

आइज़ोल के खटला प्रेस्बिटेरियन चर्च ने 'एनडीटीवी' से कहा कि पिछली महामारी की तरह ही इस बार भी चर्च में क्रिसमस नहीं मनाया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि इस बार कैरोल सिंगिग फेस्ट नहीं मनाया जा रहाहै। मिज़ोरम में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 8.2 प्रतिशत है। देश में कोरोना को लेकर मिजोरम की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले ठीक नहीं है। यहाँ कोरोना संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है।

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