‘हिजाब नहीं पहनने पर ईरानी राष्ट्रपति ने नहीं दिया इंटरव्यू’
न्यूज़ चैनल सीएनएन की एंकर क्रिस्टियान अमनपोर ने कहा है कि वह ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी का इंटरव्यू इसलिए नहीं ले सकीं क्योंकि उन्होंने हेड स्कार्फ यानी हिजाब पहनने से मना कर दिया था। बताना होगा कि ईरान में इन दिनों हिजाब को लेकर जबरदस्त घमासान चल रहा है और महिलाएं सड़क पर उतर आई हैं। ईरानी महिला महसा अमीनी की मौत के बाद से ही ईरान में सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। वहां की तमाम महिलाओं ने हिजाब को जलाने और अपने बालों को काटने के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं।
महसा अमीनी की मौत के विरोध में हो रहे प्रदर्शन हिंसक हो चुके हैं और इसमें अब तक 31 लोगों की मौत हो गई है।
बहरहाल, सीएनएन की एंकर क्रिस्टियान अमनपोर को गुरुवार में न्यूयॉर्क में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी का इंटरव्यू करना था। ईरानी राष्ट्रपति संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे थे।
क्रिस्टियान अमनपोर ने ट्वीट कर बताया कि कई हफ्तों की योजना और 8 घंटे तक इंटरव्यू का सेटअप तैयार करने के बाद आखिरकार हम लोग इंटरव्यू के लिए तैयार थे। लेकिन इंटरव्यू शुरू होने से 1 घंटे से थोड़ी देर पहले राष्ट्रपति के एक सहयोगी ने सीएनएन एंकर से कहा कि राष्ट्रपति चाहते हैं कि एंकर ने हेड स्कार्फ पहना हुआ हो क्योंकि मुहर्रम का पवित्र महीना चल रहा है। लेकिन एंकर ने हेड स्कार्फ पहनने से इनकार कर दिया।
The aide made it clear that the interview would not happen if I did not wear a headscarf. He said it was “a matter of respect,” and referred to “the situation in Iran” - alluding to the protests sweeping the country. 5/7
— Christiane Amanpour (@amanpour) September 22, 2022
न्यूज़ एंकर के मुताबिक, राष्ट्रपति के सहयोगी ने कहा कि अगर वह हेड स्कार्फ नहीं पहनती हैं तो यह इंटरव्यू नहीं हो सकता। सहयोगी ने इसके पीछे ईरान के ताजा हालात का भी हवाला दिया।
ईरान में लागू शरिया कानून के तहत महिलाओं को अपने बालों को हिजाब से ढकना होता है और उन्हें लंबे और ढीले-ढाले कपड़े पहनने के लिए मजबूर किया जाता है।
बताना होगा कि 22 साल की महसा अमीनी के बारे में खबरें आई थी कि चूंकि उसने अपने बालों को ठीक ढंग से हेड स्कार्फ से नहीं ढका था। इस वजह से पुलिस ने उसे पकड़ लिया और जमकर मारपीट की। यह घटना 13 सितंबर को हुई थी। पुलिस स्टेशन में अमीनी बेहोश होकर गिर पड़ी थी और कोमा में चली गई थी। 3 दिन बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।
महसा अमीनी की मौत से लोग भड़क गए और तेहरान सहित देश के कई शहरों में सड़क पर उतर आए। हालांकि पुलिस का कहना था कि मेहता की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है और इस बात से इनकार किया था कि महसा के साथ किसी तरह का गलत बर्ताव किया गया जबकि महसा के परिवार का कहना था कि उनकी बेटी को किसी भी तरह की दिल की शिकायत नहीं थी।
भड़के लोग, बिगड़े हालात
ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद हो रहे प्रदर्शनों के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इनमें देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। यहां हुकूमत के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोग लगातार नाराजगी जाहिर कर रहे हैं और पुलिस को हालात को संभालने में जबरदस्त मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि ईरान में सुरक्षा बल प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठी, आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हिंसक प्रदर्शनों में मौत होने के साथ ही बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। ईरान के कई इलाकों में हुकूमत के द्वारा इंटरनेट को बंद किए जाने की भी खबरें सामने आई हैं।