+
चीनी कंपनी हुवावे के भारत में कार्यालयों पर आयकर छापे

चीनी कंपनी हुवावे के भारत में कार्यालयों पर आयकर छापे

चीन की हुवावे कंपनी पर क्या भारत में कर चोरी का संदेह है? हुवावे के दिल्ली, गुरुग्राम और बेंगलुरु में कार्यालयों पर छापे क्यों पड़े?

चीन की जिस हुवावे कंपनी पर अमेरिका ने कभी प्रतिबंध लगाया था उसी हुवावे कंपनी के भारत में कार्यालयों पर आईटी छापे मारे गए हैं। रिपोर्ट है कि मंगलवार को आयकर विभाग ने कर चोरी की जाँच के तहत देश में चीनी दूरसंचार कंपनी हुवावे के दिल्ली, गुरुग्राम और बेंगलुरु में परिसरों की तलाशी ली है।

मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अधिकारियों ने कंपनी, उसके भारतीय व्यवसायों और विदेशी लेनदेन के ख़िलाफ़ कर चोरी की जाँच के तौर पर वित्तीय दस्तावेजों, खाता बही और कंपनी के रिकॉर्ड को देखा। कहा गया है कि कुछ रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं।

कंपनी ने कहा है कि देश में उसका संचालन क़ानून के दृढ़ता से अनुपालन कर किया जा रहा है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, हुवावे ने एक बयान में कहा है, 'हमें आयकर टीम के हमारे कार्यालय के दौरे और कुछ कर्मियों के साथ उनकी बैठक के बारे में भी सूचित किया गया है। हुवावे को विश्वास है कि भारत में हमारे संचालन सभी क़ानूनों और विनियमों के अनुरूप हैं।'

कंपनी ने एक बयान में कहा है कि हम नियमों और विनियमों के अनुसार पूरा सहयोग करेंगे और सही प्रक्रिया का पालन करेंगे।

बता दें कि सरकार ने हुवावे को 5G सेवाओं के परीक्षण से बाहर रखा है। दूरसंचार क्षेत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश के अनुसार किसी भी नए व्यापार समझौते में आने से पहले उन्हें सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

अभी कुछ दिन पहले ही भारत सरकार ने चीनी ऐप पर कार्रवाई की थी और इसने चीनी लिंक वाली 54 ऐप को प्रतिबंधित कर दिया है। सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सुरक्षा और गोपनीयता चिंताओं का हवाला दिया है। पहले भी ऐसी ही कई ऐप पर कार्रवाई की गई थी। भारत की यह कार्रवाई चीन द्वारा लद्दाख क्षेत्र में घुसपैठ के बाद की जा रही है।

कर विभाग ने पिछले साल चीनी मोबाइल संचार और हैंडसेट निर्माण कंपनियों और उनसे जुड़े व्यक्तियों के ख़िलाफ़ तलाशी ली थी और दावा किया था कि भारतीय कर कानून और नियमों के उल्लंघन के कारण 6,500 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बेहिसाब आय का पता चला।

हुवावे पर अमेरिका ने लगाया था प्रतिबंध

हुवावे टेक्नोलॉजी अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण भी चर्चा में रही है। 2020 में हुवावे पर प्रतिबंधों के बाद चीन के साथ अमेरिका के बीच तल्खी बढ़ गई थी। हुवावे अमेरिकी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर प्रोसेसर चिप का निर्माण करती है। हुवावे चीन की सबसे सफल निजी कंपनियों में से एक है। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी इसे प्रौद्योगिकी क्षेत्र में चीन को वैश्विक प्रतिस्पर्धी देश बनाने वाले प्रतिष्ठान के रूप में भी प्रचारित करती है।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें