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चीनी सेना के पीछे हटने की ख़बरों पर कांग्रेस बोली - देश से माफ़ी मांगें पीएम

चीनी सेना के पीछे हटने की ख़बरों पर कांग्रेस बोली - देश से माफ़ी मांगें पीएम

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने पहले दिए गए बयान कि भारत की सीमाओं में कोई घुसपैठ नहीं हुई है, को लेकर माफी मांगनी चाहिए। 

गलवान घाटी में पीपी 14 पोस्ट से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की ख़बरों को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री को अपने पहले दिए गए बयान कि भारत की सीमाओं में कोई घुसपैठ नहीं हुई है, को लेकर माफी मांगनी चाहिए। 

पार्टी ने यह भी मांग की है कि या तो प्रधानमंत्री या रक्षा मंत्री को लद्दाख के जमीनी हालात के बारे में देश को बताना चाहिए। पवन खेड़ा ने कहा, ‘हमारे बहादुर जवान चीनी सेना को पीछे धकेलने की कोशिश कर रहे हैं और हम इस तरह की ख़बरों से बेहद ख़ुश हैं कि हमें इसमें सफलता मिली है। हमें अपनी सेना पर गर्व है।’ 

खेड़ा ने कहा, ‘हमने कभी भी अपने देश की सेना के पराक्रम पर सवाल नहीं उठाया। सेना ने पहले भी ऐसा किया है, चाहे फिर वह चीन था या पाकिस्तान। हमारी सेना को किसी के सर्टिफ़िकेट की ज़रूरत नहीं है।’ 

खेड़ा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के भारत की सीमाओं में घुसपैठ न होने के बयान को चीन ने इस्तेमाल किया और कहा कि वह अपनी सीमा में ही है और गलवान उसकी सीमा में है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि प्रधानमंत्री के बयान को चीन ने तुरंत लपक किया और इसे क्लीन चिट की तरह इस्तेमाल किया।’ 

खेड़ा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री यह स्पष्ट करें कि एक तरफ तो चीन हमारी सीमा पर घुसपैठ की कोशिश कर रहा है और दूसरी तरफ़ गुजरात जहां से प्रधानमंत्री आते हैं, वह भारत में चीनी निवेश का केंद्र बिंदु बन गया है।’ उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री की चीन समर्थन की जो नीति है, क्या गुजरात सरकार आने वाले दिनों में उस पर पुनर्विचार करेगी।  

खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश को भरोसे में लेते हुए, देश से माफ़ी मांगते हुए कहना चाहिए कि वह गलत थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह भी साफ करना चाहिए कि अभी भी हमारी कितनी ज़मीन चीन के कब्जे में है। चीनी सेना के वापस जाने की ख़बरों पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का वीडियो - 

गलवान में चीनी घुसपैठ और जवानों की शहादत को लेकर कांग्रेस का रूख़ बेहद आक्रामक रहा। कांग्रेस कह चुकी है कि 15 जून की रात के बाद से ही सीमाओं की ज़मीनी हक़ीक़त को लेकर देश के लोगों को अंधेरे में रखा जा रहा है। पार्टी ने कहा था कि चुप रहने का समय ख़त्म हो गया है और अब जवाब देने का समय है। 

पार्टी ने पूछा था कि पीएम मोदी हमारे शहीदों को इंसाफ़ कैसे दिलाएंगे और कब वह गलवान में हुई हिंसा और हमारी सीमा में घुसपैठ के लिए खुलकर चीन का नाम लेंगे और सरकार इस मामले में चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र कब बुलाएगी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था, ‘लद्दाख के लोग कह रहे हैं कि चीन हमारी ज़मीन ले रहा है और प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमारी ज़मीन किसी ने नहीं ली है। जाहिर है, कोई न कोई झूठ बोल रहा है।’ 

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