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क्या सरकार चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर संसद में झूठ बोल रही है?

क्या सरकार चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर संसद में झूठ बोल रही है?

क्या सरकार संसद में लिखित प्रश्न के उत्तर में चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर झूठ बोल रही है? क्या गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय पूरे देश को आधिकारिक तौर पर गुमराह कर रहे हैं?

क्या सरकार संसद में लिखित प्रश्न के उत्तर में चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर झूठ बोल रही है क्या गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय पूरे देश को आधिकारिक तौर पर गुमराह कर रहे हैं

ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि गृह राज्य मंत्री ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि बीते छह महीने में चीन से सटी सीमा पर घुसपैठ नहीं हुई है। उन्होंने यह ज़रूर कहा कि बढ़ते तनाव के बीच चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा को बदलने की कोशिश की है।

बीजेपी सांसद अनिल अग्रवाल ने प्रश्न किया था कि क्या बीते 6 महीने के दौरान चीन और पाकिस्तान से घुसपैठ हुई है यदि हां तो सरकार ने इसे रोकने के लिए क्या किया है

क्या कहना है सरकार का

इसके एक दिन पहले यानी मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था,'मध्य मई में चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करने की कोशिश कई बार की। इसमें कोंगका ला, गोगरा और पैंगोंग झील का उत्तरी तट भी शामिल हैं।'

इसके बाद राजनाथ सिंह बताते हैं, “सीमाओं की सुरक्षा करने के दृढ़ निश्चय पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए।' वह यह भी कहते हैं कि 'परस्पर सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर पड़ोसियों से शांतिपूर्ण रिश्ते कायम किए जा सकते हैं।”

मास्को में क्या बात हुई

वास्तविक नियंत्रण रेखा को बदलने की कोशिश का मतलब क्या है क्या इसका अर्थ यह है कि चीनी सेना ने एलएसी पार करने की कोशिश की, पर नाकाम रही

यदि चीनी सेना ने घुसपैठ नहीं की और वह भारतीय सरज़मीन पर नही है तो मास्को में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ एस. जयशंकर की क्या बात हुई

उस बातचीत के बाद दो बयान जारी किया गया, उसमें यह कहा गया था कि दोनों ही पक्ष 'डिसइनगेंजमेंट' पर राजी हो गए हैं। इसका सीधा अर्थ यह है कि चीन अपनी सेना को वापस बुलाने पर सहमत हो गया है।

इसके पहले चीन में भारत के राजदूत विवेक मिस्री ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्यों से मुलाकात की तो क्या उसमें चीनी सेना के वापस जाने पर बात नहीं हुई थी विवेक मिस्री ने चीन के मिलीटरी कमीशन के उपाध्यक्ष से मुलाकात की थी तो क्या चीनी सेना को वापस बुलाने का आग्रह नहीं किया था

चीन लगातार यह कहता आ रहा है कि वह अपनी सीमा के अंदर है, अपनी ज़मीन पर है। उसका कहना साफ है कि वह एलएसी को नहीं मानता और जहां तक उसकी सेना है, वह ज़मीन उसी की है। वहां से वह वापस नहीं जाएगी।

अब भारत के संसद में गृह राज्य मंत्री कहते हैं कि चीन ने कोई घुसपैठ नहीं की है। क्या ऐसा कह कर वह चीन के कहे का अनुमोदन नहीं कर रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कह दिया था, “भारत में न तो कोई घुसा है औ न ही घुस कर बैठा है।” उसके बाद से ही सरकार का यह आधिकारिक स्टैंड बन गया। इसलिए ही संसद में गृह राज्य मंत्री ग़लतबयारनी करते हैं और पूरे देश को गुमराह करते हैं। ऐसा करते हुए वह चीन के कहे का अनुमोदन भी करते हैं। 

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