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मैकिंजे : चीन बना दुनिया का सबसे धनी देश, अमेरिका पीछे

मैकिंजे : चीन बना दुनिया का सबसे धनी देश, अमेरिका पीछे

मैंकिजे की मानें  तो अमेरिका को पीछे छोड़ कर चीन दुनिया का सबसे धनी बन गया है। क्या  है इसकी वजह?

आर्थिक सुधार, विकेंद्रीकरण, पार्टी व सरकार की पकड़ ढीली कर और बाज़ारवादी मॉडल अपना कर चीन ने 40 साल में इतनी ज़बरदस्त प्रगति की कि वह दुनिया का सबसे धनी देश बन गया है। जी हाँ, सबसे धनी। अमेरिका से भी ज़्यादा धनी। 

अंतरराष्ट्रीय मैनेजमेंट कंसलटेंसी कंपनी मैंकिजे के शोध के अनुसार 2020 में चीन के पास कुल संपत्ति 120 ट्रिलियन डॉलर थी, जबकि अमेरिका के पास 90 ट्रिलियन डॉलर ही थी। स्थिति कितनी तेजी से बदली है, इसे इससे समझा जा सकता है कि 2000 में चीन की कुल संपत्ति सिर्फ सात ट्रिलियन डॉलर थी। यानी चीन की संपत्ति 20 साल में 103 ट्रिलियन डॉलर बढ़ी है। 

पर्यवेक्षकों का कहना है कि इसकी एक और बड़ी वजह चीन का विश्व व्यापार संगठन से जुड़ना रहा है। पहले चीन साम्यवादी आर्थिक मॉडल की वजह से विश्व व्यापार संगठन यानी डब्लूटीओ का विरोध करता था, पर वह 2000 में इस संगठन में शामिल हो गया।

उसके बाद ही उसकी आर्थिक प्रगति की रफ़्तार यकायक तेजी से बढ़ी। 

दुनिया की संपत्ति बढ़ी

मैंकिजे ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इस दौरान पूरी दुनिया का आर्थिक विकास हुआ और 20 साल में दुनिया की कुल संपत्ति 156 ट्रिलियन डॉलर से 514 ट्रिलियन डॉलर हो गई। लेकिन इसका बड़ा हिस्सा रियल स्टेट के रूप में है। बुनियादी सुविधाओं, मशीन, उपकरणों के रूप में 68 प्रतिशत संपदा है।

मैंकिजे के मुताबिक, चीन और अमेरिका जैसे संपन्न देशों की कुल संपदा का दो तिहाई हिस्सा सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों के पास है और यह हिस्सा बढ़ता ही जा रहा है।

धनी-ग़रीब खाई बढ़ी

दूसरी ओर,अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 'फ़ोर्ब्स' ने कहा है कि, जिस समय कोरोना अपने चरम पर था, उस दौरान यानी पिछले 12 महीने में दुनिया के अरबपतियों की कुल परिसंपत्ति में पाँच अरब डॉलर का इजाफ़ा हुआ और यह बढ़ कर 13 अरब डॉलर पर पहुँच गया।

इस दौरान अरबपतियों की संख्या भी बढ़ी, यानी पहले से ज़्यादा लोग अरबपति बन गए। इस दौरान 700 नए अरबपति बने और अरबपतियों की कुल संख्या 2,700 हो गई। 

सबसे ज़्यादा अरबपति चीन में हैं, वहाँ 626 अरबपति हैं, जिनमें से 238 अरबपति एक साल में बने हैं, यानी कम्युनिस्ट देश चीन में हर 36 घंटे में एक नया आदमी अरबपति बन गया।

इसके बाद अमेरिका का नंबर है, जहाँ 724 अरबपति हैं, जिनमें से 110 अरबपति एक साल में बने हैं।

इन आँकड़ों से यह साफ है कि चीन में भी अमेरिकी तर्ज पर ही आर्थिक विकास हो रहा है और वहाँ भी धनी-गरीब के बीच की खाई और चौड़ी होती जा रही है।

पर यह भी सच है कि चाहे जैसे हो, पर चीन ने आर्थिक विकास के क्षेत्र में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है और दुनिया का सबसे अमीर देश बन चुका है। 

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