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गलवान घाटी: पुल, सड़कें बना रहा चीन, बड़ी योजना के साथ आया है ड्रैगन

गलवान घाटी: पुल, सड़कें बना रहा चीन, बड़ी योजना के साथ आया है ड्रैगन

चीन एलएसी से लगने वाले अपने इलाक़े में सड़कें, छोटे पुल, पानी से संबंधित मशीनरी, संभावित एयर डिफ़ेंस कमांड्स और कई झोपड़ियां बना चुका है। 

चीन ने एक बड़ी योजना के तहत गलवान घाटी के इलाक़े में घुसपैठ की है। ‘इंडिया टुडे’ ने रेडियो फ़्रीक्वेंसी (आरएफ़) सिग्नल और हाई रिजोल्यूशन सैटेलाइट तसवीरों के कॉम्बिनेशन से तैयार सैटेलाइट डेटा के जरिये बताया है कि चीनी सेना गलवान घाटी में किसी भी लंबी दौड़ के लिए तैयार है। 

‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक, अमेरिका स्थित जियो-एनॉलिटिक्स फ़र्म हॉक आई 360 ने तसवीरों के जरिये दिखाया है कि कि चीन ने अपने नियंत्रण वाले इलाक़े में भारी मशीनें और उपकरण लगा दिए हैं। हॉक आई 360 ने जो डाटा ‘इंडिया टुडे’ को दिया है, सैटेलाइट इमेजरी विशेषज्ञ कर्नल (रिटायर्ड) विनायक भट ने इसकी पड़ताल की है। 

भट ने ‘इंडिया टुडे’ को बताया कि चीन अपने इलाक़े में सड़कें, छोटे पुल, पानी से संबंधित मशीनरी, संभावित एयर डिफ़ेंस कमांड्स और कई झोपड़ियां बना चुका है। 

भट ने ‘इंडिया टुडे’ को बताया कि यह जगह लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) से लगभग 40 किमी. दूर है और यहीं पर 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। कर्नल भट ने बताया कि चीन जो नई सड़कें बना रहा है, वह उनका इस्तेमाल अतिरिक्त जवानों की तैनाती के लिए कर सकता है। 

‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, यह तसवीरें 11 जून को ली गई हैं और इनसे साफ पता चलता है कि चीनी सेना गलवान घाटी की वास्तविक स्थिति को बदल देना चाहती है। ऐसा पहली बार हुआ है जब चीन ने इस इलाक़े पर अपना हक़ जताया है। 

6 जून को दोनों देशों के बीच सहमति बन जाने के बाद भी चीन गुस्ताखी करने से बाज़ नहीं आ रहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारतीय सैनिकों पर एलएसी को पार करने का आरोप लगा चुके हैं। बीजिंग की ओर से गुरुवार को एक बार फिर कहा गया है कि गलवान घाटी के इलाक़े पर उसका हक़ है। जबकि भारत ने उसके इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है। 

भारत ने स्पष्ट कहा है कि वह सीमा पर जो भी निर्माण कर रहा है, वह अपने इलाक़े में कर रहा है। भारत ने कहा है कि दोनों देशों के बीच हुए समझौतों को देखते हुए किसी भी पक्ष को ऐसा कोई भी एक्शन नहीं लेना चाहिए जिससे यह मामला आगे बढ़े। लेकिन सैटेलाइट तसवीरें और चीन की ओर से आ रहे बयानों से साफ पता चलता है कि वह इस जगह को छोड़ने के मूड में बिलकुल नहीं है। 

हमलावर है विपक्ष

लद्दाख में शहीद हुए भारतीय जवानों को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार से सवाल पूछा है कि हमारे निहत्थे जवानों को वहां शहीद होने क्यों भेजा गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी पूछा है कि चीन ने हमारे निहत्थे जवानों को मारने की जुर्रत कैसे की 

इससे पहले बुधवार शाम को राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ट्विटर पर घेरते हुए कई सवाल पूछे थे। राहुल ने राजनाथ सिंह के लद्दाख में जवानों की शहादत पर दुख जताने वाले ट्वीट के जवाब में पूछा था, ‘अगर भारतीय जवानों का शहीद होना पीड़ादायक है तो आपने अपने ट्वीट में चीन का नाम क्यों नहीं लिया है। आपको सांत्वना व्यक्त करने में 2 दिन क्यों लगे जब जवान शहीद हो रहे हैं तो आप चुनावी रैलियां क्यों कर रहे हैं।’

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