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कोरोना वायरस से घबराएँ नहीं, ये सावधानियाँ ज़रूर बरतें

कोरोना वायरस से घबराएँ नहीं, ये सावधानियाँ ज़रूर बरतें

चीन के जानलेवा कोरोना वायरस या वुहान वायरस के भारत में फैलने से इसका डर बढ़ता जा रहा है। डर इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि इसका इलाज अब तक ढूँढा नहीं जा सका है। लेकिन घबनाएँ नहीं, ये सावधानियाँ बरतें।

चीन के जानलेवा कोरोना वायरस या वुहान वायरस के भारत में फैलने से इसका डर बढ़ता जा रहा है। डर इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि इसका इलाज अब तक ढूँढा नहीं जा सका है। चूँकि अब तक इसका इलाज नहीं ढूँढा जा सका है इसलिए इसे रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने बचाव के उपाए बताए हैं। पढ़ें क्या हैं उपाए-

क्या हैं बचाव के उपाए

  • जब हाथ गंदा दिख रहा हो तो साबुन से हाथ धोएँ
  • जब हाथ गंदा नहीं भी हो तो भी बार-बार हाथ को धोएँ
  • खाँसने या छींकने के बाद हाथ को ज़रूर धोएँ।
  • खाना बनाने से पहले और बाद में अच्छी तरह हाथ धोएँ। 
  • वाशरूम का इस्तेमाल करने के बाद भी हाथ को अच्छी तरह धोएँ। 
  • संक्रमण से बचने के लिए किसी से हाथ मिलाने के बाद हाथों को धोएँ।
  • खाँसते या छींकते समय मुँह और नाक को ढँके।
  • पालतू और जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
  • ऐसे जानवरों के संपर्क में आ भी जाएँ तो हाथों को अच्छी तरह धोएँ।
  • यदि जुकाम, बुखार और साँस लेने में दिक्कत हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • यदि जुकाम, बुखार जैसी बीमारी हो तो दूसरों से संपर्क में आने से बचें।
  • आँखों, नाक और मुँह को छूने से बचें।
  • जब ऐसी दिक्कतें महसूस हो तो घर पर ही रहें।

सावधानी बरतने की ज़रूरत इसलिए भी है कि अब तक दुनिया भर में कोरोना वायरस के 89 हज़ार मामले आए हैं। 3 हज़ार से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं। इससे 70 देश प्रभावित हैं। चिंता की बात इसलिए भी है कि डब्ल्यूएचओ का ही कहना है कि यह एक नया वायरस है। चीन के हुएई प्रांत के वुहान शहर में न्यूमोनिया के कई केस आने के बार में डब्ल्यूएचओ को 31 दिसंबर 2019 को जानकारी दी गई थी। यह वायरस अलग तरह का वायरस था। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यही बड़ी चिंता की वजह थी क्योंकि यह पता नहीं था कि यह लोगों को कैसे प्रभावित करता है। इस नये वायरस का नया नाम 2019-CoV दिया गया है। यह सामान्य तौर पर होने वाले जुकाम वाले वायरस या इसी तरह के एसएआरएस यानी गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम और एमईआरएस (मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) वायरस की तरह का है। 

हालाँकि राहत की बात यह है कि सावधानियाँ बरतने और उचित समय पर इलाज से इस वायरस से पीड़ित 45 हज़ार से ज़्यादा लोग अब तक उबर चुके हैं।

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