आईएनएक्स मीडिया मामला: ईडी को मिली चिदंबरम की गिरफ़्तारी की इजाजत
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली की एक विशेष कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पूर्व वित्त मंत्री को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की इजाजत दे दी है। चिदंबरम 5 सितंबर से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
ईडी ने इस संबंध में अदालत से अनुमति देने का अनुरोध किया था। अदालत ने ईडी को दो विकल्प दिये थे। पहला यह कि वह चिदंबरम से अदालत परिसर में आधा घंटे के लिए पूछताछ करे और फिर हिरासत के लिए याचिका दे और दूसरा यह कि वह तिहाड़ जेल जाकर उन्हें गिरफ़्तार कर ले। इस पर ईडी ने दूसरे विकल्प को चुना। ईडी अब चिदंबरम को बुधवार सुबह गिरफ़्तार करेगी और शाम को 4 बजे उन्हें अदालत में पेश किया जायेगा। जांच एजेंसी अदालत में ही उनकी हिरासत के लिए याचिका दाखिल करेगी।
A Delhi Court allows Enforcement Directorate (ED) to arrest Congress leader P Chidambaram with an option to interrogate him first. https://t.co/PAfVOVK81V
— ANI (@ANI) October 15, 2019
आरोप है कि 2007 में जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब नियमों को ताक पर रखकर आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलायी गयी थी। यह भी आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता पी. चिदंबरम के ज़रिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से यह मंज़ूरी दिलाई थी। हालाँकि चिदंबरम सीबीआई के इन आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं और कहते रहे हैं कि इन कंपनियों के विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंज़ूरी देने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है।
आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ़्तारी से बचने के लिए चिदंबरम ने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम ज़मानत के लिए याचिका लगाई थी और जब यह ख़ारिज हो गई तब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट से भी तत्काल राहत नहीं मिलने पर सीबीआई ने उन्हें घर से गिरफ़्तार कर लिया था।
चिदंबरम के परिवार ने मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि उनके बारे में दिखाई जा रही तमाम ख़बरें मनगढंत, बग़ैर पड़ताल के और बेबुनियाद आरोपों पर आधारित हैं। परिवार की ओर से जारी की गई चिट्ठी में पूर्व वित्त मंत्री को दानव की तरह पेश करने के लिए सरकार को ज़िम्मेदार बताया गया था। कार्ती चिदंबरम ने सरकार पर ज़ोरदार हमला बोलते हुए कहा था कि सरकार इस मामले में कोई सबूत तो पेश करे।