छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर घने जंगलों के बीच हुई मुठभेड़ में चार महिलाओं समेत छह माओवादियों को मार गिराने का दावा सुरक्षा बलों ने किया है। तेलंगाना पुलिस की विशेष नक्सल विरोधी ईकई ग्रे हाउंड के बस्तर में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह दावा किया है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से तकरीबन 400 किलोमीटर दूर सुकमा के जंगल में यह मुठभेड़ हुई बताई जाती है। खबरों में कहा गया है कि ज़िला रिज़र्व पुलिस और सीआरपीएफ़ ने ग्रे हाउंड की मदद की और सुबह छह से सात बजे की बीच यह मुठभेड़ हुई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "मुठभेड़ के बाद छह शव मिले, इनमें चार महिलाएँ हैं, ये सभी माओवादियों के किस्तारम एरिया कमेटी के सदस्य थे।"
सुकमा के पुलिस सुपरिटेंडेंट सुनील शर्मा ने दावा किया कि माओवादियों को जोरदार झटका दिया है और वे लोग मारे गए हैं जिन्होंने अतीत में कई भयावह हमले किए हैं। उन्होंने कहा, "सुकमा ज़िले में माओवादियों की पाँच एरिया कमेटियाँ हैं। सुरक्षा बलों ने केरलापाल और कोंटा एरिया कमेटियों को पूरी तरह सीमित कर दिया है।"
एसपी शर्मा ने 'हिन्दुस्तान टाइम्स' से कहा, किस्तारम एरिया कमेटी को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया गया है, अब निशान पर केतकल्याण व जगरगुंडा की एरिया कमेटियाँ है।
महिला नक्सलियों के मारे जाने की खबर इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि अतीत में कई बार सुरक्षा बलों के हाथों महिलाएं मारी गई हैं, उन्हें माओवादी बताया गया है और बाद में उनके आम नागरिक होने की पुष्टि हुई है।
तेलंगाना के भद्रदारी कोठुगदम ज़िले के एसपी सुनील दत्त ने भी कहा है कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की पुलिस ने सीआरपीएफ़ की मदद से ऑपरेशन को अंजाम दिया और माओवादी मारे गए।
नरेंद्र मोदी सरकार का दावा है कि उसको शासन संभालने के बाद से इस तरह की वारदात में कमी आई है। कुछ वारदातों पर नज़र।
- मई, 2014: छत्तीसगढ़ के सुकमा घाटी में सीआरपीएफ़ के 15 जवान शहीद हो गए, एक नागरिक भी फ़ायरिंग की चपेट में आ गया। जीरम घाटी में घात लगाए सौ से अधिक नक्सलियों ने सीआरपीएफ़ जवानों पर अंधाधुंध गोलियाँ चलाईं।
- मई, 2014: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सीआरपीएफ़ के 7 जवान शहीद हो गए जब माओवादियों ने पुलिस की एक गाड़ी को बम से उड़ा दिया।
- 10 अप्रैल, 2015: छत्तीसगढ़ के दन्तेवाड़ा में माओवादियों ने सुरक्षा बलों की बारूदी सुरंग हटाने वाली गाड़ी को ही ध्वस्त कर दिया था। इस हमले में 72 घंटे में हुए तीन हमलों में 7 जवान शहीद हो गए थे।
- 26 अगस्त, 2015 :ओड़ीशा के मलकानगिरी में माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में बीएसएफ़ के तीन जवान शहीद हो गए और छह बुरी तरह ज़ख़्मी हो गए थे।
- 11 मार्च, 2017 : छत्तीसगढ़ में माओवादियों के हमले में 11 कमान्डो, 3 पुलिस अफ़सर शहीद हो गए।
- 6 दिसंबर, 2016 : छत्तीसगढ़ के बस्तर में तीन विस्फोटक धमाके, सीआरपीएफ़ का एक ट्रूपर मारा गया।
- 10 जनवरी, 2017 : छत्तीसगढ़ में माओवादियों और सुरक्षा बलों में गोलीबारी, एक जवान शहीद हो गया, एक महिला समेत चार माओवादी भी इसमें मारे गए।
- 1 फ़रवरी, 2017: ओड़ीशा में भुवनेश्वर के पास विस्फोट में 8 पुलिस वाले शहीद हो गए।
- 8 मार्च, 2017 : बिहार के गया ज़िले में बंसकटवा में पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक ज़ोनल कमांडर समेत चार माओवादी शहीद हो गए।
- 22 मार्च, 2017: छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा में पुलिस के साथ मुठभेड़ में 6 माओवादी मारे गए।
- 24 अप्रैल, 2017 : छत्तीसगढ़ के सुकमा में माओवादियों ने हमला कर सीआरपीएफ़ के 25 जवानों को मार डाला था।
- 24 जनवरी, 2018 : छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में चार पुलिस वाले शहीद हो गए।
- 18 फ़रवरी, 2018 : छत्तीसगढ़ में माओवादियों के साथ मुठभेड़ में दो पुलिस जवान शहीद हो गए।
- 25 फरवरी, 2018: छत्तीसगढ़ में माओवादियों के साथ मुठभेड़ में दो पुलिस जवान शहीद हो गए।
- 1 मार्च, 2018 : माओवादियों के साथ मुठभेड़ में 12 माओवादी मारे गए।
- 26 मार्च, 2019: ओड़ीशा के नारायरणपटणा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 4 नक्सली मारे गए।
- 22-24 मार्च, 2018: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 37 माओवादी मारे गए।
- 20 मई, 2018: माओवादियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ़ के 6 जवान शहीद हो गए।
- 9 अप्रैल, 2019 : छत्तीसगढ़ में हुए माओवादी धमाके में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी और उनके ड्राइवर मारे गए। इसके अलावा सीआरपीएफ़ के 3 जवान भी शहीद हो गए।