छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए आगामी जून महीने में चुनाव होगा। राज्य में कांग्रेस की सरकार है और ऐसे में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता राज्यसभा में जाना चाहते हैं। टिकट के लिए राज्य के नेताओं के अलावा केंद्रीय नेता भी दावेदार हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यसभा जाने की इच्छा जताई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा व राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और कपिल सिब्बल का नाम भी चर्चा में है।
जून में कांग्रेस की छाया वर्मा व बीजेपी के रामविचार नेताम का राज्यसभा में कार्यकाल पूरा हो रहा है। क्योंकि विधानसभा में कांग्रेस अच्छे बहुमत में है इसलिए दोनों सीटों पर कांग्रेस के नेताओं का राज्यसभा जाना तय है। लेकिन यहां लड़ाई स्थानीय बनाम केंद्रीय नेताओं की दिखाई दे रही है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि दोनों सीटों पर प्रदेश के नेताओं को मौका दिया जा सकता है लेकिन केंद्रीय नेताओं कपिल सिब्बल और पी. चिदंबरम के नाम सामने आने के बाद स्थानीय नेताओं की धड़कनें बढ़ गई हैं।
सिब्बल को मिलेगा मौक़ा?
कपिल सिब्बल कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 का हिस्सा हैं और लंबे वक्त से पार्टी नेतृत्व को नापसंद आने वाले बयान देते रहे हैं। ऐसे में इस बात की उम्मीद कम है कि कांग्रेस कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजेगी।
बघेल का कद बढ़ा
भूपेश बघेल बीते कुछ सालों में कांग्रेस के बड़े ओबीसी चेहरे बनकर उभरे हैं और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ मिलकर लगातार काम कर रहे हैं।
पिछले साल इस तरह की चर्चा थी कि पार्टी आलाकमान भूपेश बघेल को हटा सकता है लेकिन बघेल समर्थकों की बगावत की आशंका के चलते आलाकमान ने ऐसा कदम नहीं उठाया।
बघेल का कद कांग्रेस के सियासी गलियारों में बढ़ा है और राज्यसभा की इन दोनों सीटों पर भी उनकी राय को पार्टी नेतृत्व जरूर अहमियत देगा, ऐसा माना जा रहा है। देखना होगा कि कांग्रेस किन दो नेताओं को राज्यसभा में जाने का मौका देती है। इसके लिए राज्य व केंद्रीय नेताओं की जोर-आजमाइश जरूर तेज हो गई है।