छत्तीसगढ़ लिंचिंगः गौरक्षा दलों से पूछताछ के बावजूद पुलिस के पास सुराग नहीं
छत्तीसगढ़ में भैंस के दो कारोबारियों को गौरक्षा दलों ने घेर कर मार डाला। कारोबारियों का तीसरा साथी घायल है। कारोबारी यूपी के रहने वाले हैं और भैंस खरीदकर ट्रक में ले जा रहे थे। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक एक वायरल वीडियो में घायल व्यक्ति की पहचान 23 साल के सद्दाम कुरेशी के रूप में हुई है। वीडियो में सद्दाम को कहते सुना जा सकता है कि 14-15 लोगों ने उन पर हमला किया था, उनमें से दो को पीट-पीटकर मार डाला गया और उनके शवों को नीचे फेंक दिया गया। क़ुरैशी ने कहा कि वह खुद को बचाने के लिए उसी पुल से कूद गया था। मारे गए लोगों की पहचान गुड्डू खान और चांद मियां खान के रूप में हुई है।
द हिन्दू की खबर के मुताबिक रविवार तक पुलिस ने करीब 10 लोगों से पूछताछ की है। इनमें कुछ लोग गौरक्षा दल के भी हैं। लेकिन इन लोगों से पुलिस को कोई सुराह नहीं मिला है। पुलिस का कहना है कि हमने उन लोगों से भी पूछताछ की है जो ट्रक का पीछा कर रहे थे, और उन लोगों से भी पूछताछ की है जो बाद में मौके पर पहुंचे। किसी ने अपराध स्वीकार नहीं किया है। लेकिन अब हम सभी से अलग-अलग पूछताछ करेंगे और उनके फोन कॉल रेकॉर्ड की भी जांच करेंगे।
देश में मुस्लिमों की लिंचिंग की घटनाएं इधर बंद हो गई थीं। लेकिन अब भाजपा शासित राज्य छत्तीसगढ़ से इसकी फिर शुरुआत हो गई है। लेकिन इसके फिर से शुरू होने की जो वजहें हैं, वो बहुत साफ हैं। हाल ही में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा की रैलियों में मुसलमानों के खिलाफ जहर उगला गया। हिन्दुओं को मुसलमानों का नाम लेकर डराया गया। समझा जाता है कि इन्हीं भाषणों की वजह से इस तरह की घटनाएं फिर शुरू हो गई हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि 15-20 गौरक्षकों को संदेह था कि ट्रक चालक गायों की तस्करी कर रहे थे और उन्होंने रायपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर महासमुंद-आरंग रोड पर पटेवा से ट्रक का पीछा किया। उन्होंने रात करीब 2-3 बजे के आसपास महानदी नदी पर एक पुल पर तीनों लोगों को रोकने के बाद उन पर हमला कर दिया। बताया जाता है कि सूचना मिलने के एक घंटे के अंदर पुलिस पहुंची थी। हालांकि ये तथ्य बहुत अजीबोगरीब है कि गौरक्षक गाय और भैंस का फर्क नहीं जानते।
पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन अभी तक घटनाओं की कड़ियां आपस में जोड़ नहीं पाई है। जब तक घटनाओं की कड़ियां नहीं जुड़ेंगी, तब तक मामले को सुलझाने में मदद नहीं मिलेगी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर ने बताया कि शुरुआती रिपोर्ट से फॉरेंसिक एक्सपर्ट को कोई मदद नहीं मिली है। अब फोन कॉल रेकॉर्ड की जांच के बाद मामले में नई बातें सामने आ सकती हैं।
इस मामले में सद्दाम कुरैशी का बयान अहम है। वीडियो में तो उसका बयान मौजूद है। लेकिन पुलिस उससे पूछताछ करके और भी जानकारी हासिल करना चाहती है। लेकिन सद्दाम के वेंटीलेटर पर होने के कारण पुलिस सद्दाम का बयान नहीं ले पा रही है। सद्दाम का बयान महत्वपूर्ण है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, मारे गए लोगों में शामली के 35 वर्षीय गुड्डु खान और सहारनपुर के 23 वर्षीय चांद मिया खान थे। कुरैश चांद का चचेरा भाई है और वह भी सहारनपुर का रहने वाला है। क़ुरैशी और चांद के एक चचेरे भाई ने बताया कि क़ुरैशी ने लगभग 2 बजे फोन किया और बताया कि ट्रक को "रोका गया" और उन पर "हमला" किया जा रहा है। बाद में, कुरेशी ने लगभग 3 बजे फोन किया। वो चिल्ला रहा था कि उसका हाथ और पैर टूट गया है। वह गिड़गिड़ा रहा था, 'भैया पानी पिला दो एक घूंट। मारो मत बस पानी पिला दो।'' उसी फोन पर हमने कुछ लोगों को उससे यह पूछते हुए भी सुना, 'कहां से लाए हो...छोड़ेंगे नहीं'।" परिवार ने कथित तौर पर चांद के नंबर पर कॉल करने की कोशिश की। सुबह करीब 5 बजे कुछ पुलिस कर्मियों ने चंद का फोन उठाया और उन्हें उनकी मौत की जानकारी दी।