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छत्तीसगढ़ : सामान्य से पाँच गुणी अधिक मौतें क्यों?

छत्तीसगढ़ : सामान्य से पाँच गुणी अधिक मौतें क्यों?

छत्तीसगढ़ में हर साल अप्रैल-मई में जितनी मौतें होती हैं, इस बार उसकी पाँच गुणी अधिक मौतें हुई हैं। समझा जाता है कि कोरोना महामारी के कारण ऐसा हुआ है। 

छत्तीसगढ़ में हर साल अप्रैल-मई में जितनी मौतें होती हैं, इस बार उसकी पाँच गुणी अधिक मौतें हुई हैं। समझा जाता है कि कोरोना महामारी के कारण ऐसा हुआ है। 

बीते साल अप्रैल-मई के दौरान 8,878 मौतें हुई थीं, पर इस साल इस दौरान 43,062 लोगों की मृत्यु हुई है। यह सामान्य से लगभग पाँच गुणे ज़्यादा है। 

अंग्रेज़ी अख़बार 'द हिन्दू' के अनुसार, जनवरी-मार्च 2021 में 34,897 लोगों की मृत्यु हुई, पर कोरोना से होने वाली मौतों का सरकारी आँकड़ा 9,677 ही है। 

मौतों का रिकॉर्ड नहीं

मृत्यु का कारण चाहे जो हो, उसका आधिकारिक रिकॉर्ड होना चाहिए और मृत्यु प्रमाण पत्र पर वह कारण साफ लिखा होना चाहिए। पर इस दौरान हुई ज़्यादातर मौतों का रिकॉर्ड नहीं है। 

यदि हर साल मौतों में होने वाले इजाफ़ा पर ध्यान दिया जाए तो अप्रैल-मई में 2021 के दौरान 31,842 मौतें हो सकती थीं, पर दरअसल 71,142 लोगों की मृत्यु हुई है।

4.85 गुणा कम मौत

साफ है कि मौतों की तादाद में लगभग 4.85 गुणा कम कर दिखाया गया है। 'द हिन्दू' का कहना है कि असल मौतों की तादाद 4.8 से 10 गुणी ज़्यादा है।

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने 'द हिन्दू' से बात करते हुए मौतों की संख्या छिपाने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी पारदर्शिता बरतती है और मौतों की संख्या को लेकर किसी दूसरे आँकड़े पर विचार कर सकती है। 

लेकिन इसके साथ ही उन्होंने घर-घर जाकर मृत्यु के सर्वेक्षण से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि लोग काफी जागरूक हैं, वे मृत्यु की जानकारी देते हैं और इसलिए घर-घर सर्वे की ज़रूरत नहीं है। 

मौत का सच

मौत छिपाने का सिलसिल छत्तीसगढ़ ही नहीं, दूसरे राज्यों में भी चल रहा है। 

झारखंड सरकार ने घर-घर जाकर एक सर्वे किया और पाया कि अप्रैल-मई के दौरान 25,490 लोगों की मौत हो गई। लेकिन अप्रैल-मई 2019 में 17,819 लोगों की मौत हुई थी। सरकार का कहना है कि उसके पास 2020 के आँकड़े नहीं है क्योंकि अभी उस पर काम पूरा नहीं हुआ है। 

यह सर्वे राज्य के 24 ज़िलों में हुआ और इसमें  2.56 करोड़ लोगों को शामिल किया गया। यह कुल जनसंख्या 3.50 करोड़ का लगभग 85 प्रतिशत है।

झारखंड के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण सिंह ने कहा कि इस साल अप्रैल-मई में 25,000 लोगों की मौत हुई है, लेकिन हम यह नहीं बता सकते कि ये मौतें किस वजह से हुई हैं। 

यानी सरकार मौत की बात तो मानती है, पर यह नहीं मान रही है कि ये मौतें कोरोना से हुई हैं, पर वह इससे इनकार भी नहीं कर रही है। 

 - Satya Hindi

हैदराबाद

दूसरी ओर दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना से भी इसी तरह की खबर है। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कोरोना से मौतों की जो संख्या सरकार बता रही है, लोगों का कहना है कि उससे 10 गुणे ज़्यादा लोगों की मौत उससे हुई है।  

ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसपल कॉरपोरेशन का कहना है कि अप्रैल-मई 2021 में कोरोना से 3,275 मौतें हुई हैं। लेकिन अनुमान है कि 32,752 अतिरिक्त मौतें हुई हैं।

इस इलाक़े में अप्रैल- दिसंबर में 18,420 हुई है, जबकि जनवरी-मई में 14,332 मौतें हुई हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र जितने लोगों को जारी किए गए, उसके आधार पर अनुमान लगाया है कि  इस दौरान 36,041 लोगों की मौतें हुईं। 

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