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बघेल की कुर्सी पर संकट के बादल, दिल्ली आकर राहुल से मिले

बघेल की कुर्सी पर संकट के बादल, दिल्ली आकर राहुल से मिले

छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज़ है कि कांग्रेस यहां नेतृत्व परिवर्तन कर सकती है और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को कमान सौंप सकती है। 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाक़ात की है। बीते एक हफ़्ते में राहुल गांधी से यह उनकी दूसरी मुलाक़ात है। इस मुलाक़ात में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के भी मौजूद रहने की ख़बर आई है। 

छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज़ है कि कांग्रेस यहां नेतृत्व परिवर्तन कर सकती है और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को कमान सौंप सकती है। 

राहुल से बघेल की मुलाक़ात साढ़े तीन घंटे तक चली। मुलाक़ात के बाद बघेल ने कहा कि ‘रोटेशन फ़ॉर्मूला’ जैसा कुछ नहीं है और उन्हें कांग्रेस के सभी 70 विधायकों का समर्थन हासिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी को अपने दिल की बात बता दी है और राहुल अगले हफ़्ते छत्तीसगढ़ आएंगे। 

बघेल ने दिखाई ताक़त 

बघेल अपने समर्थक विधायकों को लेकर दिल्ली आए हैं और उन्होंने एक तरह से शक्ति प्रदर्शन किया है। बघेल की दिल्ली में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पीएल पूनिया और कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल से भी मुलाक़ात हुई है। 

बीते दो दिनों में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के 35 विधायक दिल्ली आ चुके हैं। राज्य में कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं। कांग्रेस हाईकमान जानता है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन करने से मुसीबत खड़ी हो सकती है क्योंकि ऐसे में बघेल समर्थकों की नाराज़गी का डर रहेगा। देखना होगा कि कांग्रेस हाईकमान क्या इस विवाद को ख़त्म कर पाएगा। 

बघेल ने यह दिखाने की कोशिश है कि पार्टी के अधिकतर विधायकों का समर्थन उनके साथ है। बीजेपी ने सरकार की स्थिरता को लेकर सवाल उठाया है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि विधायकों का इकट्ठे होना इस ओर इशारा कर रहा है कि सरकार किसी बड़े संकट से गुजर रही है। 

 - Satya Hindi

ढाई साल का फ़ॉर्मूला

छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी, मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर तब जबरदस्त खींचतान हुई थी। मुख्यमंत्री पद के चार दावेदारों के बीच कांग्रेस हाईकमान ने बघेल को चुना था। यह भी चर्चा हुई थी कि ढाई साल में दूसरे दावेदार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि बघेल ढाई साल वाले किसी फ़ॉर्मूले से लगातार इनकार करते रहे हैं। 

अब जब ढाई साल पूरे हो चुके हैं तो बीते दो महीने से इसे लेकर चर्चा तेज़ है कि क्या कांग्रेस हाईकमान मुख्यमंत्री बघेल को बदलेगा। बघेल के अलावा टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे।

नाराज़गी की ख़बरें

बीते कुछ दिनों में टीएस सिंहदेव के कथित रूप से नाराज़ होने की ख़बरें छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों से आती रही हैं। कुछ दिन पहले कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि बघेल के पक्ष में बयान देने के कारण सिंहदेव ने उन पर हमला करवाया था। इसके बाद सिंहदेव विधानसभा से बाहर निकल गए थे और इसी शर्त पर लौटे थे कि सरकार विधायक के इस बयान को आधिकारिक रूप से खारिज कर दे। 

सिंहदेव ने शिकायत की थी कि स्वास्थ्य महकमे के सचिवों को लगातार बदला जा रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार की कुछ योजनाओं को लेकर भी सिंहदेव और बघेल के बीच में विवाद हो चुका है।

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