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कानपुर: एसएचओ तिवारी, एसआई शर्मा गिरफ़्तार, दुबे को पुलिस रेड की सूचना देने का शक

कानपुर: एसएचओ तिवारी, एसआई शर्मा गिरफ़्तार, दुबे को पुलिस रेड की सूचना देने का शक

उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर जिले के चौबेपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ विनय तिवारी और सब-इंस्पेक्टर केके शर्मा को गिरफ़्तार कर लिया है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर जिले के चौबेपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ विनय तिवारी और सब-इंस्पेक्टर केके शर्मा को गिरफ़्तार कर लिया है। पुलिस को शक है कि पुलिस फ़ोर्स के बिकरू गांव में पहुंचने से पहले विनय तिवारी और केके शर्मा ने ही विकास दुबे को इसकी सूचना दी थी। दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम के 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। 

अमर दुबे मारा गया

बुधवार तड़के हमीरपुर जिले के मौदहा थानाक्षेत्र में एसटीएफ उत्तर प्रदेश एवं स्थानीय पुलिस के साथ मुठभेड़ में विकास दुबे गैंग के शातिर अपराधी अमर दुबे को मार गिराया गया। अमर दुबे कानपुर हत्याकांड का नामज़द एवं वांछित अभियुक्त था।

विकास दुबे के एक और साथी श्यामू बाजपेयी को चौबेपुर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। विकास दुबे पर ईनाम की राशि बढ़ा दी गई है और अब वह पांच लाख का ईनामी बदमाश हो गया है। गौरतलब है कि 2 जुलाई के बाद से विकास दुबे पर 50 हजार से बढ़ाकर 5 लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया है। 

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को लेकर कयासों का दौर जारी है। अब तक फरार विकास पर बुधवार को ईनाम की राशि ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है। राजनैतिक दलों से लेकर आम लोगों में विकास दुबे को अलग-अलग राजनेताओं का करीबी बताते हुए तसवीरें जारी करने की होड़ शुरू हो गई है। 

आला अधिकारियों पर सवाल 

सवालिया निशान कई बड़े अधिकारियों पर भी उठने लगे हैं जिनके साथ विकास के गैंग के लोगों की तसवीरें सोशल मीडिया पर तैर रही हैं। उत्तर प्रदेश में मामले की जांच कर रहे एसटीएफ के डीआईजी और पूर्व में कानपुर के एसएसपी रहे अनंत देव को मंगलवार की रात को हटा दिया गया। 

अनंत देव पर शहीद सीओ मिश्रा की विकास को लेकर भेजी गई रिपोर्ट को अनदेखा करने का आरोप है और साथ ही उनकी तसवीरें दुर्दांत माफिया के सबसे जिगरी जय बाजपेयी के साथ वायरल होने लगी थीं। जय बाजपेयी ही विकास दुबे का खजांची बताया जाता है और उसके लिए लग्जरी गाड़ियां मुहैया कराता था। 

इस जघन्य हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश के राजनैतिक दलों में विकास दुबे किसका है, यह साबित करने की होड़ लगी हुई है। बाकायदा सरकार का मीडिया तंत्र भी इस होड़ में शामिल है।

कानपुर के बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर और अभिजीत सांगा की भी विकास दुबे और उसके गैंग के लोगों के साथ तसवीरें सामने आई थीं। विकास को पूर्व में बीएसपी सांसद रहे और अब कांग्रेस नेता राजाराम पाल का भी करीबी बताया गया है। बीजेपी फिर बीएसपी व एसपी में रहे पूर्व विधायक हरिकिशन श्रीवास्तव भी कभी विकास के करीबी रहे बताए जाते हैं। विकास दुबे पर देखिए चर्चा - 

बीजेपी के नेताओं, विधायकों व अधिकारियों के विकास का करीबी होने की तसवीरें जारी होने के बाद पलटवार करते हुए सोशल मीडिया पर कुछ तसवीरें वायरल की गईं। इन तसवीरों में विकास दुबे को एसपी विधायक सतीश निगम व पूर्व मंत्री शिव कुमार बेरिया के साथ दिखाया गया। 

प्रदेश सरकार की ओर से विकास के गैंग के मेंबरों की जारी सूची में आठवें नंबर पर शामिल गुड्डन त्रिवेदी की तसवीरें तो एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ जारी की गईं।

विकास के लिए इस्तेमाल होने वाली कारों की बरामदगी के बाद बताया गया था कि उनमें से एक का पंजीकरण बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव के नाम था। एसपी समर्थक तीन दिनों से विकास दुबे का 2017 में एसटीएफ की हिरासत में दिए गए बयान का वीडियो चला रहे हैं जिसमें वो खुद अपने संरक्षक के तौर पर बीजेपी नेताओं का नाम ले रहा है।

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