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हाथरस- पहले जो अपराधी करते थे अब पुलिसवाले कर रहे हैं: चंद्रशेखर रावण

हाथरस- पहले जो अपराधी करते थे अब पुलिसवाले कर रहे हैं: चंद्रशेखर रावण

हाथरस गैंगरेप मामले में चंद्रशेखर आज़ाद रावण ने कहा कि परिवार की गैर मौजूदगी में देर रात को शव जला दिए जाने का साफ़ मतलब है कि यूपी सरकार और पुलिस सबूतों को ख़त्म करना चाहती है।

हाथरस की 19 वर्षीय एक दलित परिवार की बेटी के साथ हुए दुष्कर्म और इलाज के दौरान हुई मौत को लेकर आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आज़ाद रावण ने पूरे मामले की जाँच सीबीआई से कराने की माँग की है। हाथरस में दो दिन पहले देर रात शव जलाने की घटना को मानवता पर कलंक क़रार देते हुए चन्द्रशेखर ने कहा कि शव जलाने का सीधा मतलब यह है कि यूपी की योगी सरकार सबूतों को ख़त्म करके अपने ख़िलाफ़ बन रहे माहौल को रोकने का प्रयास कर रही है। 

चंद्रशेखर ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में अघोषित इमरजेंसी है, अब यहाँ आपकी हत्या भी की जाएगी, बलात्कार भी किया जाएगा, हाथ पैर भी तोड़े जाएँगे और जब आप न्याय मांगने जाएँगे तो आपको घरों में बंद करके सबूतों को जला दिया जाएगा। पहले ये काम अपराधी करते थे अब यह काम पुलिसवाले कर रहे हैं।’

हाथरस कांड पर चन्द्रशेखर ने कहा कि दलित लड़की के शव को बिना परिवार की मौजूदगी में देर रात को जला दिए जाने का साफ़ मतलब है कि यूपी सरकार और पुलिस सबूतों को ख़त्म करना चाहती है। चन्द्रशेखर कहते हैं,

‘शव जलाने के बाद पोस्टमार्टम से कुछ नहीं मिलने वाला। हम लगातार माँग कर रहे थे कि दलित लड़की के शव के पोस्टमार्टम के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट दूध का दूध और पानी का पानी कर देती। यूपी सरकार और पुलिस लगातार झूठ बोल रही है कि दलित परिवार की बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ ही नहीं, ये सरासर झूठ है, आपने ख़ुद शव का आधी रात अंतिम संस्कार करके सबूतों को ख़त्म कर दिया।’

चन्द्रशेखर कहते हैं, 

‘यूपी में अपराधियों का बोल बाला है, वो कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं। योगी की सरकार में, पहले ये अपराधी करते थे अब सरकार की शह पर ये यूपी पुलिस कर रही है। यूपी में न्याय मिलने की उम्मीद ख़त्म है।’

‘दुष्कर्म करने वाले योगी की जात के’

हाथरस कांड के दोषियों को बचाने का आरोप सीएम योगी आदित्यनाथ पर लगाते हुए चन्द्रशेखर कहते हैं,

‘आरोपी यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की जाति के हैं, इसलिए पुलिस को घटना पर कार्यवाही के लिए इतनी देर लगी। 14 सितंबर की घटना है और दलित लड़की का 22 सितंबर को मेडिकल हुआ। अगर पुलिस चाहती तो अलीगढ़ से दिल्ली के एम्स भर्ती करवा सकती थी लेकिन पुलिस ने सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया। सही समय से इलाज न मिलने के कारण लड़की ने दम तोड़ दिया।’ 

चन्द्रशेखर कहते हैं, 

‘मान लीजिए कि अगर आरोपी दलित या मुसलिम धर्म के होते तो अभी तक उनके घर की बहन-बेटियों की खाल उतार ली जाती और हिन्दू संगठन नंगा नाच कर रहे होते। लेकिन दुष्कर्म की शिकार दलित परिवार से संबंधित है इसलिए अब तक किसी भी हिन्दू संगठन ने आकर इंसाफ़ की माँग नहीं की।’

‘पीड़ित परिवार को ही धमकाया जा रहा है’

चन्द्रशेखर यूपी पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहते हैं,

‘दुष्कर्म की शिकार बेटी के शव को माँगने का प्रयास जब परिजनों ने किया तो उल्टा परिजनों को ही धमकाया गया। बेटी का परिवार खौफजदा है। अभी तो गाँव में पुलिस है लेकिन पुलिस के जाने के बाद दलित परिवार की सुरक्षा सवालों के घेरे में है। यूपी में अब दलित सुरक्षित नहीं हैं। अगर यही घटना किसी दूसरी जाति की बेटी के साथ होती तो पूरा देश खड़ा हो जाता, इंडिया गेट पर कैंडिल मार्च शुरू हो जाते, लेकिन हाथरस की बेटी एक दलित परिवार की बेटी है इसलिए इंसाफ माँगने पर परिवार के लोगों को ही उल्टा दबाया जा रहा है।’

‘जाति देश की हक़ीक़त’

हाथरस की लड़की के दुष्कर्म मामले में दलित का ज़िक्र किए जाने के सवाल पर चन्द्रशेखर कहते हैं,

‘भारत में जातियाँ एक हक़ीक़त है। सेना के जवानों के साथ भी जाति के आधार पर भेदभाव किया जाता है। 3 ऐसे मामले देखे जहाँ दलित परिवार के सेना के जवान के साथ भेदभाव किया गया। सेना में काम करने के दौरान अगर दलित समाज का बेटा शहीद हो जाता है तो डीएम और एसएसपी भी उसके घर नहीं आते हैं जबकि दूसरी जाति के शहीद के लिए पूरा देश निकल पड़ता है।’

यहाँ देखिए चंद्रशेखर का पूरा इंटरव्यू...

‘दलितों को मिले शस्त्र लाईसेंस’

दलितों की सुरक्षा पर नाकाम होती सरकारों पर चन्द्रशेखर कहते हैं,

‘सरकारें दलितों को सुरक्षा देने में नाकाम हो चुकी हैं। 10 लाख दलितों को शस्त्रों का लाईसेंस जारी किया जाना चाहिए और लाईसेंस का आधा ख़र्चा सरकार को सब्सिडी के तौर पर वहन करना चाहिए।’

बलरामपुर, आजमगढ़, बुलन्दशहर में दलितों पर हुई ज़्यादती को लेकर चन्द्रशेखर कहते हैं,

‘दलित समाज का बीजेपी से विश्वास उठ गया है, लगातार हो रही घटनाएँ योगी सरकार की मानसिकता को बता रही हैं कि वो दलितों को कीड़े-मकोड़े समझ रही है। लेकिन योगी सरकार को समझना चाहिए कि अगर दलित खड़ा हो गया तो बड़ी-बड़ी सरकारों की जड़ों को खोद देगा।’ 

क्या हुई है घटना

यूपी के हाथरस ज़िले के एक दलित परिवार की 19 साल की लड़की के साथ 14 सितंबर को सामूहिक दुष्कर्म का आरोप है। दुष्कर्म के दौरान लड़की को जानलेवा चोटें पहुँची जिसके बाद लड़की को अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालात बिगड़ते देख लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर किया गया जहाँ उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी। इस मामले में यूपी पुलिस का दावा है कि चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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