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राजनीति नहीं छोड़ूंगा, नई पार्टी बनाने को तैयार हूँ: चंपाई सोरेन

राजनीति नहीं छोड़ूंगा, नई पार्टी बनाने को तैयार हूँ: चंपाई सोरेन

हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले के मामले में 31 जनवरी को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्हें सोरेन परिवार का क़रीबी माना जाता है।

चंपाई सोरेन ने अब राजनीति छोड़ने का विचार त्याग दिया है। वह अब नयी पार्टी बनाने की तैयारी में हैं। उन्होंने तीन दिन पहले कहा था कि वह तीन विकल्पों पर विचार कर रहे हैं- रिटायर होना, नई पार्टी शुरू करना या किसी अन्य पार्टी में शामिल होना। तब उनके बीजेपी में जाने के कयास लगाए जा रहे थे। मीडिया रिपोर्टों में उनके बीजेपी नेताओं से संपर्क में होने की भी ख़बर आई थी। इसी बीच जब वह दिल्ली पहुँचे तो जेएमएम से अलग होने की ख़बरों ने जोर पकड़ा।

लेकिन चंपाई सोरेन ने बुधवार को पीटीआई से कहा, 'यह मेरे जीवन का एक नया अध्याय है। मैं राजनीति नहीं छोड़ूंगा क्योंकि मुझे अपने समर्थकों से बहुत प्यार और समर्थन मिला है। अध्याय समाप्त हो गया है, मैं एक नया संगठन बना सकता हूं।'

विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का राजनीति नहीं छोड़ने वाला यह बयान आया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता ने सरायकेला-खरसावां जिले में अपने पैतृक गांव झिलिंगोरा पहुंचने पर यह बयान दिया है। बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा, 'मैं अपनी पार्टी क्यों नहीं बना सकता? यह एक सप्ताह में साफ़ हो जाएगा।'

उनके पार्टी बदलने की अटकलें सबसे पहले 18 अगस्त को तब लगी थीं, जब वे कुछ विधायकों के साथ दिल्ली पहुँचे थे। उसी दिन बाद में चंपाई सोरेन ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें अपने ही लोगों द्वारा दुख महसूस हुआ, जब उस बैठक से तीन दिन पहले उनके कार्यक्रम रद्द कर दिए गए, जिसमें उनसे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।

उन्होंने एक पोस्ट में कहा, 'मैं अंदर से टूट चुका था। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं। दो दिनों तक मैं चुपचाप बैठा रहा और आत्मचिंतन करता रहा, पूरे घटनाक्रम में अपनी गलती तलाशता रहा। मुझे सत्ता का जरा भी लालच नहीं था, लेकिन मैं अपने स्वाभिमान पर हुए इस आघात को किससे दिखा सकता था? मैं अपने ही लोगों द्वारा दिए गए दर्द को कहां व्यक्त कर सकता था?' उन्होंने यह भी कहा था कि पिछले चार दशकों के अपने राजनीतिक सफर में पहली बार वे अंदर से टूटा हुआ महसूस कर रहे हैं।

उनकी इस प्रतिक्रिया पर जेएमएम के एक नेता ने कहा, 'वह (चंपाई) सिर्फ़ पार्टी छोड़ने का बहाना बना रहे हैं और इस तरह कई बेबुनियाद कहानियाँ फैलाई जा रही हैं। यह साफ़ है कि वह कोलकाता गए थे और कथित तौर पर भाजपा नेताओं से मिले थे। जब वह भाजपा में शामिल होंगे, तब सब कुछ साफ़ हो जाएगा।'

हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले के मामले में 31 जनवरी को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्हें सोरेन परिवार का क़रीबी माना जाता है।

हालांकि, झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा हेमंत सोरेन को जमानत दिए जाने के बाद चंपाई सोरेन ने 3 जुलाई को पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि चंपई सोरेन कथित तौर पर इस बात से खुश नहीं थे कि उन्हें शीर्ष पद से हटा दिया गया, ताकि हेमंत सोरेन को एक बार फिर झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया जा सके।

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