चमोली: ग्लेशियर टूटने से तबाही, 19 शव मिले, 150 लोग लापता
उत्तराखंड के चमोली ज़िले में रविवार को ग्लेशियर टूटने से तबाही हुई है। राहत और बचाव कार्य में जुटी आईटीबीपी ने कहा है कि अब तक 19 शव मिले हैं। 'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के अनुसार आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल ने कहा कि ये शव धौली गंगा नदी से मिले हैं। इससे पहले ख़बर आई थी कि क़रीब 150 लापता हैं। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि तपोवन बांध में फँसे 25 लोगों को निकालकर पुलिस ने सुरक्षित स्थानों पर भेजा है। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि उन्हें कुछ लोगों के हताहत होने की जानकारी मिली है। 'एएनआई' की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा है कि हताहतों की संख्या 100-150 होने की आशंका है।
बता दें कि ग्लेशियटर टूटने से तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। ऋषि गंगा नदी पर बना ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट के डैम का एक हिस्सा टूट गया है। क्षेत्र में कई घरों के बह जाने की आशंका है। कई लोगों के भी बहने की आशंका है। आसपास के क्षेत्रों को खाली कराने को कहा गया है जिससे ज़्यादा तबाही होने से बचाया जा सके। निचले इलाक़े और हरिद्वार व ऋषिकेष में अलर्ट जारी किया गया है। राहत और बचाव कार्य जारी है। राज्य की आपदा नियंत्रण की टीम पहुँच चुकी है। एनडीआरएफ़ की टीम भी मौक़े पर पहुँचने वाली है।
यह दुर्घटना जोशीमठ से मलारी की ओर क़रीब 20 किलोमीटर पर घटी। घटना सुबह क़रीब 10 बजे हुई है। राज्य में आपदा से निपटने वाली एसडीआरएफ़ की 10 टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं। आईटीबीपी के 200 जवान भी राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। सेना के जवानों को भी बचाव कार्य में लगाया गया है। बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ़ टीमें भी पहुँच चुकी हैं।
एसडीआरएफ़ की सीईओ रिद्धिमा अग्रवाल ने कहा है, 'पानी के तेज़ बहाव में ऋषि गंगा और धौलीगं गा प्रोजेक्ट के क़रीब 150 लोगों के लापता होने की ख़बर है। पावर प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने प्रशासन से कहा है कि क़रीब 150 लोगों का पता नहीं चल पा रहा है। बचाव टीम को लोगों को निकालने के लिए निर्देश दिए गए हैं।'
ग्लेशियर टूटने के कारण अलकनंदा और धौली गंगा उफान पर है। किसी स्थिति से बचाव के लिए श्रीनगर गढ़वाल धारी देवी मंदिर परिसर पुलिस प्रशासन ने खाली करवा दिया है। हरिद्वार तक अलर्ट जारी किया गया है। पानी के तेज बहाव के मद्देनजर कीर्ति नगर, देवप्रयाग, मुनि की रेती इलाक़ों को अलर्ट पर रहने को कहा गया।
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि उन्होंने उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के सम्बंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, आईटीबीपी के डीजी और व एनडीआरएफ़ के डीजी से बात की है।
उन्होंने कहा है कि सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा है कि वह निरंतर स्थिति पर नज़र रख रहे हैं।
NDRF की कुछ और टीमें दिल्ली से Airlift करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं। हम वहाँ की स्थिति को निरंतर मॉनिटर कर रहे हैं। https://t.co/BVFZJiHiWY
— Amit Shah (@AmitShah) February 7, 2021
इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा है कि राहत की ख़बर यह है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंद नदी का बहाव सामान्य हो गया है। उन्होंने कहा है कि नदी का जलस्तर अब सामान्य से एक मीटर ऊपर है और बहाव भी कम होता जा रहा है।
राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है। pic.twitter.com/MoY3LX49rF
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
चमोली पुलिस ने राहत और बचाव कार्य जारी होने की जानकारी दी है और इसका वीडियो ट्वीट किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उस वीडियो को ट्वीट किया है।
तपोवन में रेस्क्यू कार्य जारी।
— chamoli police (@chamolipolice) February 7, 2021
पुलिस प्रसाशन मोके पर। pic.twitter.com/OuQT3wEVz5
सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
मुख्यमंत्री रावत ने कहा है कि वह घटनास्थल के लिए रवाना हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने आग्रह किया कहा है कि कोई भी पुराने वीडियो को शेयर कर डर न फैलाएँ। उन्होंने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फँसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की ज़रूरत है तो आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क कर सकते हैं।
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद हुए हादसे की पीएम मोदी ने समीक्षा की और वहाँ के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से बातचीत की। आज असम में जनसभा को संबोधन करने वावे पीएम मोदी ने सीएम को हर संभव मदद का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा कि पूरा देश वहाँ सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में भी कहा कि वह लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं।
Am constantly monitoring the unfortunate situation in Uttarakhand. India stands with Uttarakhand and the nation prays for everyone’s safety there. Have been continuously speaking to senior authorities and getting updates on NDRF deployment, rescue work and relief operations.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2021
अभी तक सरकारी तौर पर नुक़सान की पुष्टि नहीं हो पाई है। लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि चमोली ज़िले से एक आपदा का समाचार मिला है। सरकार सभी ज़रूरी क़दम उठा रही है।
चमोली ज़िले से एक आपदा का समाचार मिला है। ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान ना दें । सरकार सभी ज़रूरी कदम उठा रही है।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
सरकार ने कहा है कि किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान नहीं दें। इस घटना को लेकर वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी ने भी इसको लेकर ट्वीट किया है।
यह जगह चिपको आंदोलन में प्रमुख नाम रही गौरी देवी के गांव रेणी के पास है। इसका असर अलकनन्दा नदी के जल स्तर पर दिख सकता है। स्थानीय लोगों से जानकारी मिल रही है अधिकारियों से पुष्ट करने की कोशिश जारी है। https://t.co/qSBUJHLW1c
— Hridayesh Joshi (@hridayeshjoshi) February 7, 2021
सोशल मीडिया पर इस ग्लेशियर टूटने का वीडियो होने का दावा करते हुए कहा गया है कि 'वीडियो ग्लेशियर के टूटने के बाद चमोली की ऋषिगंगा नदी में बाढ़ का है। रेस्क्यू टीम रवाना हुई। नदी के किनारे रहने वाले कुछ लोग ख़तरे में पड़ सकते हैं।'
Video is from #Chamoli in #Uttarakhand Floods in RishiGanaga river after a glacier broke. Rescue teams rushed. Some people living on the bank's of river might be in danger #flooding #flood #SnowStorm2021 #glacier pic.twitter.com/LICodRzwMX
— Anupam Trivedi (@AnupamTrivedi26) February 7, 2021
पौड़ी गढ़वाल पुलिस ने ट्वीट किया है कि आम जनमानस को सूचित किया जाता है कि तपोवन रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी क्षति पहुंची है, जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिस कारण अलकनंदा नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है जल्दी से जल्दी सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएँ।