केंद्र सरकार ने आज कहा कि वह वाट्सऐप पर उपयोगकर्ताओं की जानकारी के बिना उनके उपकरणों के माइक्रोफोन के कथित तौर पर इस्तेमाल की शिकायकत की जाँच करेगी। इस हफ्ते की शुरुआत में ट्विटर के एक इंजीनियर ने दावा किया था कि जब वह सो रहा था तब वाट्सऐप बैकग्राउंड में उसका माइक्रोफोन इस्तेमाल कर रहा था।
ट्विटर पर इंजीनियरिंग के निदेशक फोड डाबिरी ने ऐप के उपयोग के स्क्रीनशॉट साझा किए और सवाल किया, 'क्या चल रहा है?' इस ट्वीटर पर टिप्पणी करते हुए कई यूजर्स ने इसी तरह की दिक्कतों का सामना करने का दावा किया है। इस बीच केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस मामले की जाँच पड़ताल करने की बात कही है।
चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा है, 'यह गोपनीयता का अस्वीकार्य उल्लंघन है। हम इसकी तुरंत जांच करेंगे और गोपनीयता के किसी भी उल्लंघन पर कार्रवाई करेंगे, यहां तक कि नया डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण बिल यानी डीपीडीपी तैयार किया जा रहा है।'
इससे पहले ट्विटर के इंजीनियर के ट्वीट को साझा करते हुए ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने भी वाट्सऐप पर निशाना साधा। उन्होंने उस इंजीनियर के वाट्सऐप स्क्रीनशॉट वाले ट्वीट को साझा करते हुए कहा है कि वॉट्सऐप पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
एलन मस्क ने एक अन्य ट्वीट में कहा है, 'कुछ पर भी भरोसा नहीं करें, कुछ भी नहीं।'
इस मामले में वॉट्सऐप ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि यूजर्स का अपनी माइक सेटिंग्स पर पूरा कंट्रोल होता है। ऐप ने अपनी सफाई में कहा है कि यह समस्या एंड्रॉइड में एक बग के कारण उत्पन्न हुई है जो 'उनके गोपनीयता डैशबोर्ड में जानकारी को ग़लत तरीके से प्रस्तुत करता है'। वाट्सऐप ने कहा है कि उसने गूगल से जाँच करने को कहा है।
बता दें कि देश में वाट्सऐप सबसे लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप है। यह ऐप संदेशों की सामग्री को किसी और द्वारा पढ़े जाने से बचाने के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करती है।
इससे पहले भी वाट्सऐप पर गोपनीयता मुद्दों को लेकर आरोप लगे थे। इसमें से एक आरोप तो यही था जिसमें कुछ उपयोगकर्ता के डेटा को उसकी मूल कंपनी मेटा के साथ साझा किए जाने की शिकायत की गई थी।