केंद्र के भेजे वेंटीलेटर के इस्तेमाल की होगी ऑडिट, ख़राबी से इनकार
केंद्र सरकार ने आदेश दिया है कि उसकी ओर से भेजे गए सभी वेंटीलेटर की ऑडिट होगी, यानी इसका हिसाब किताब रखना होगा कि इन वेंटीलेटर का इस्तेमाल कहाँ, कैसे और कब हुआ। यह आदेश ऐसे समय दिया गया है जब कई जगहों से ख़बरें आई हैं कि वेंटीलेटर का इस्तेमाल नहीं हुआ और वे बेकार पड़े रहे।
लेकिन इसके साथ ही केंद्र सरकार ने वेंटीलेटर के खराब होने का आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक आदेश में कहा गया है, 'कुछ राज्यों में धूल खा रहे वेंटिलेटरों की खबरों को प्रधानमंत्री ने गंभीरता से लिया है और निर्देश दिया कि केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराये गए वेंटिलेटरों को लगाने और इस्तेमाल करने का तत्काल ऑडिट किया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर के ठीक से परिचालन के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।'
गाँवों पर हो ध्यान
प्रधानमंत्री कार्यालय से यह भी कहा गया है कि स्थानीय स्तर पर कंटेनमेंट की रणनीति बनाई जानी चाहिए, यह काम उन जगहों के लिए अधिक महत्वपूर्ण है, जहाँ पॉजिटिविटी रेट ज़्यादा है, यानी ज़्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। पीएमओ ने यह भी कहा है कि ऐसे इलाक़ों में कोरोना जाँच भी बढ़ाने की ज़रूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा संसाधन बढ़ाए जाने चाहिए ताकि घर-घर जाकर कोरोना जाँच और निगरानी की जा सके। इसके साथ ही मोदी ने आशा और आंगनबाड़ी कर्मियों को भी हर ज़रूरी संसाधन देने को कहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में होम आइसोलेशन और इलाज के लिए आसान भाषा में चित्रों के साथ दिशा निर्देश मुहैया कराया जाना चाहिए।
वेंटीलेटर में ख़राबी से इनकार
लेकिन इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र से भेजे गए वेंटीलेटर के खराब होने से इनकार किया है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने इसके उलट ट्वीट कर कहा है कि केंद्र के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार किया जा रहा है।
Medical equipment supplied by GoI are not faulty.
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 14, 2021
It’s appalling how even relief measures are bearing the brunt of an infodemic being fuelled by vested interests using baseless reports & incomplete facts
Complete truth around ventilators in Aurangabad.https://t.co/Lqyb4vuboE
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'यह देखना भयावह है कि किस तरह राहत सामग्रियों पर भी दुष्प्रचार की महामारी फैली हुई है, कुछ निहित स्वार्थ अधूरे तथ्य और ग़लत रिपोर्टो के आधार पर आधारहीन बातें फैला रहे हैं।'
बता दें कि शनिवार की सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी आँकड़ों के मुताबिक़, बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 3,26,098 मामले दर्ज किए गए और 3,890 लोगों की मौत हुई है। बीते दिन संक्रमण का यह आंकड़ा 3,43,144 था जबकि 4,000 लोगों की मौत हुई थी।
बीते 24 घंटों में जिन पांच राज्यों में संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए, उनमें कर्नाटक (41,779), महाराष्ट्र (39,923), केरल (34,694) तमिलनाडु (31,892), आंध्र प्रदेश (22,018) शामिल हैं। ये पांच राज्य कोरोना संक्रमण से बुरी तरह जूझ रहे हैं। बीते 24 घंटों में महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा (695) जबकि कर्नाटक में (373) लोगों की मौत हुई है।
आईसीएमआर ने कहा है कि भारत में अब तक 31 करोड़ से ज़्यादा सैंपल्स की टेस्टिंग की जा चुकी है। बीते दिन 16,93,093 सैंपल्स की जांच की गई।