नागरिकता क़ानून पर उच्चस्तरीय बैठक, लखनऊ में आन्दोलन के दौरान 1 की मौत
नागरिकता क़ानून पर चल रहे और तेज़ हो रहे आन्दोलन के बीच केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय बैठक गुरुवार को बुलाई। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। इस बैठक का मुख्य फ़ोकस आन्दोलन की ताजा स्थिति का आकलन और इससे निपटने की रणनीति तय करना था।
इस बैठक में गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला भी मौजूद थे।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए रेड्डी ने कहा :
“
हमारे अजेंडे में किसी को डिटेंशन कैंप भेजने या बाहर कहीं भेजने का कोई कार्यक्रम नहीं है। राजनीतिक दल धर्म के नाम पर लोगों को भड़का रहे हैं।
जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री
दूसरी ओर, लखनऊ में नागरिकता संशोधन क़ानून के खि़लाफ़ चल रहा प्रदर्शन पहले से अधिक उग्र हो गया है। प्रदर्शन के दौरान एक आदमी की मौत हो गई है। अभी कारणों का पता पूरी तरह नहीं चल पाया है, पर समझा जाता है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान असलहों के इस्तेमाल की वजह से वह व्यक्ति ज़ख़्मी हो गया था।
उत्तर प्रदेश मे कई जगह प्रदर्शन
बता दें कि उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों पर लोग इस क़ानून की जोरदार मुखालफत कर रहे हैं और पुलिस को हालात संभालने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लखनऊ में इस क़ानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। लखनऊ के डालीगंज इलाक़े में भी नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रदर्शन किए जाने की ख़बर है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस चौकियों को भी निशाना बनाया गया है। इसके अलावा ठाकुरगंज में भी पथराव हुआ है और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग की है।
लखनऊ में ही 20 मोटरसाइकिलों, 10 कारों, 3 बसों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा 4 मीडिया ओबी वैन में भी उपद्रवियों ने आग लगा दी।
मुख्यमंत्री का कड़ा रुख
उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद सख़्त रुख अपनाया है। गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों की बैठक बुलाई।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर कोई भी हिंसा में शामिल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करेगी और जो भी लोग दोषी पाये जाएँगे, उनकी प्रॉपर्टी को जब्त कर इससे हिंसा में हुई क्षति की भरपाई की जाएगी।
संभल में हिंसा के बाद जिला मजिस्ट्रेट ने अगले आदेश तक इंटरनेट को बैन कर दिया है। प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों के ख़िलाफ़ पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है और पूरी तरह अलर्ट है। पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए राज्य में धारा 144 भी लागू की है लेकिन फिर भी लोग सड़कों पर उतर रहे हैं।
लखनऊ के हज़रतगंज में प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया है। एक मीडिया ओबी वैन को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया है। बुधवार को लखनऊ में शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी नागरिकता क़ानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था।
Lucknow: Protest against #CitizenshipAct turns violent in Hazratganj. Protesters pelted stones, Police resorted to lathi charge. A media OB van has also been set ablaze. pic.twitter.com/1W8LVdwvov
— ANI UP (@ANINewsUP) December 19, 2019
इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने हसनगंज पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की है और वहां खड़ी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
Lucknow: Vehicles set ablaze in Hasanganj during protest against #CitizenshipAmendmentAct. pic.twitter.com/x2rhSsNnQx
— ANI UP (@ANINewsUP) December 19, 2019
नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। लल्लू ने कहा कि बीजेपी सरकार यह जान ले कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का विधान देश में नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस काले क़ानून को वापस लेना पड़ेगा वरना लड़ाई जारी रहेगी।
इससे पहले भी मऊ और आज़मगढ़ में इस क़ानून का विरोध हुआ था। आजमगढ़ में 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए इन दोनों ही जगहों पर इंटरनेट को बैन कर दिया था। सरकार इस क़ानून के विरोध में जगह-जगह अराजक तत्वों द्वारा इंटरनेट के माध्यम से सोशल मीडिया पर फैलाए जा रही अफवाहों पर पूरी नज़र रखे हुए है।