केंद्र ने जारी किया अलर्ट, कहा, मतगणना के दौरान हिंसा की आशंका
ईवीएम से कथित छेड़छाड़ के मामले में एक दिलचस्प मोड़ आ गया है। केंद्र सरकार ने तमाम राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से कहा है कि वे मतगणना के दौरान हिंसा की आशंका के मद्देनज़र क़ानून व्यवस्था ठीक रखने का पूरा इंतजाम कर लें।
केंद्र ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को आदेश दिया है कि वे अपने यहाँ सुरक्षा के पुख़्ता इंतजाम करें। एक बयान में सरकार ने कहा, ‘गृह मंत्रालय ने वोटों की गिनती के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा भड़कने की आशंका के मद्देनज़र सभी सभी राज्यों के सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को अलर्ट कर दिया है।’
बयान में आगे कहा गया है, ‘मतगणना के दौरान कुछ लोगों के द्वारा हिंसा भड़काने के लिए उकसाने वाले बयान देने और अपील करने की वजह से ऐसा किया गया है।’
क्या कहा था येचुरी ने
दरअसल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने वीवीपैट के काग़ज़ की पर्चियों की गिनती करने की माँग करते हुए ऐसा नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन की आशंका जताई थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, 'ईवीएम की सत्यता को स्थापित करने के लिए वोटों की गिनती की शुरुआत में ही वीवीपैट के काग़ज़ की पर्चियों के नमूनों से मिलान किया जाना चाहिए। वोटों की गिनती होने के बाद ऐसा करने का कोई मतलब नहीं है। ऐसा होने से प्रभावित उम्मीदवार विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं और उससे क़ानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है।'Integrity of EVMs by matching with sample VVPATs has to be done at the start of the counting. Doing so after the trends are declared makes it infructuous and is likely to lead to protests and a possible law and order situation from the affected candidates. https://t.co/Aj3zN2wFUT
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) May 22, 2019
समझा जाता है कि केंद्र सरकार ने इसके मद्देनज़र ही यह अलर्ट जारी किया है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि येचुरी ने किसी पार्टी के समर्थकों की ओर से हिंसा करने की बात नहीं कही है, उन्होंने तो यह कहा है कि प्रभावित यानी हारे हुए उम्मीदवार के लोग विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने इसका फ़ायदा उठा कर अलर्ट जारी कर दिया है ताकि वह कह सके कि विपक्ष हिंसा पर उतारू है। यह एक तरह से विपक्ष को घेरने की कोशिश है।
चुनाव आयोग का रवैया
इसके पहले चुनाव आयोग ने विपक्ष दलों की इस माँग को खारिज कर दिया कि ईवीएम से वोटों की गिनती के पहले वीवीपैट के काग़ज़ की पर्चियों की गिनती की जाए। मंगलवार को 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग जा कर यह माँग की थी कि पहले हर बूथ के 5 प्रतिशत वीवीपैट से पर्चियाँ निकाल कर ईवीएम से उनका मिलान किया जाए। इसमें गड़बड़ी होने पर पूरे क्षेत्र की सभी वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम से किया जाए।विपक्ष दलों की इस माँग की वजह है। दरअसल देश के अलग-अलग हिस्सों में ईवीएम को लेकर तरह तरह की आशंका जताई जा रही थी और उनके साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाए जा रहे थे। पहले भी ईवीएम से वोटों को प्रभावित करने और मनमाफ़िक नतीजे हासिल करने का जुगाड़ लगाने के आरोप लगे थे।
क्या है मामला
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं जिनसे ईवीएम की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। कहीं ईवीएम खुले में मिल रही हैं तो कई जगहों पर प्रशासनिक अधिकारी ईवीएम को लेकर जनता के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं। ईवीएम की सुरक्षा में गड़बड़ी की ख़बरें आने के बाद सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव करा पाएगा, जिसका वह दावा करता रहा है। लेकिन चुनाव आयोग ने सभी आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि सभी ईवीएम कड़ी सुरक्षा में हैं।ग़ाज़ीपुर में सोमवार रात को ईवीएम को लेकर जमकर हंगामा हुआ है। गठबंधन के उम्मीदवार अफ़ज़ाल अंसारी ने सरकार और पुलिस पर आरोप लगाया कि वे ईवीएम को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। अंसारी ने अपने समर्थकों के साथ स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर धरना दिया। यहाँ से केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा बीजेपी के उम्मीदवार हैं और उनका अफ़ज़ाल अंसारी से कड़ा मुक़ाबला है।
Look how the mahagatbandhan candidate from gazipur mr. Afzal ansari making allegations on govt and the police that they replacing the evms machine. He caught the vehicle loaded with evm entering the counting center. #EVM #EVMHacking @TheQuint @scroll_in @ndtv @yadavakhilesh pic.twitter.com/jf9ZCMcam4
— safwan khan (@safwankhansk) May 20, 2019
सोमवार शाम को चंदौली में क़रीब डेढ़ सौ ईवीएम से लदा एक ट्रक स्ट्रांग रूम पहुँचा और इन ईवीएम को उतारा जाने लगा। इसकी सूचना मिलने पर कांग्रेस कार्यकर्ता और दूसरे दलों के सदस्य मौक़े पर पहुँचे और इसका पुरजोर विरोध किया। लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है।
चन्दौली मे #EVM नहीं बदली जा रही थी, बल्कि मोदी जी की हार को जीत में बदला जा रहा था, जिसे जनता ने पकड़ लिया। pic.twitter.com/GzCefXNDLX
— Amit Mishra (@Amitjanhit) May 21, 2019
ईवीएम पर लंबे अरसे से सवाल उठते रहे हैं। कर्नाटक से लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम, और गुजरात तक और निकाय चुनाव से लेकर लोकसभा चुनावों तक में ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं। विपक्षी दलों के नेता चुनाव आयोग से ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की माँग कर चुके हैं। चंद्रबाबू नायडू ने तो यह आरोप भी लगाया था कि रूस में बैठे लोग लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल हो रही ईवीएम हैक कर रहे हैं। लेकिन आयोग ने इन सभी दलों की माँग को यह कहकर नकार दिया था कि ईवीएम हैक प्रूफ़ है और इसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
2009 मे बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने प्रेस कांफ़्रेंस कर कहा था कि ईवीएम फ़ुलप्रूफ़ नहीं है और मशीनों में छेड़छाड़ कर चुनावों को प्रभावित किया जा सकता है। पार्टी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने ईवीएम में धांधली को लेकर एक किताब भी लिखी थी।