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महिला पहलवानों के समर्थन में आए महावीर फोगाट

महिला पहलवानों के समर्थन में आए महावीर फोगाट

बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के मामले में केंद्रीय खेल मंत्रालय ने 72 घंटे में रिपोर्ट तलब की है। देश के नामी पहलवानों ने बीजेपी सांसद पर महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण का आरोप लगाया और जंतर मंतर पर धरना दिया। धरना आज गुरुवार को भी जारी है। जानिए पूरा घटनाक्रमः

महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। धरने के दूसरे दिन तमाम महिला खिलाड़ियों ने उनके मुद्दे का समर्थन करते हुए धरने पर बैठे। बीजेपी नेता बबीता फोगाट ने उनसे मुलाकात कर मामला सुलझाने का भरोसा दिया। महावीर सिंह फोगाट भी आज गुरुवार को धरना स्थल पर बैठ गए। उनके ही जीवन पर दंगल फिल्म बनी थी। इस मामले को उठाने वाली विनेश फोगाट उनकी बेटी है।  केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) से 72 घंटे के अंदर पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों पर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। महिला पहलवानों ने कल बुधवार को धरना देकर और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। 

एक और बड़े घटनाक्रम में महिला राष्ट्रीय कुश्ती ट्रेनिंग कैंप को स्थगित कर दिया गया। इसे 18 जनवरी, 2023 से लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCOE) में 41 पहलवानों और 13 प्रशिक्षकों और सहायक कर्मचारियों के साथ शुरू होने वाला था। इसकी घोषणा साई (एसएआई) ने की है।

भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बुधवार को भाजपा सांसद और  (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। विनेश फोगट का कहना है महिला पहलवानों को राष्ट्रीय शिविरों में कोच और डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह द्वारा यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय शिविरों में नियुक्त कोचों में से कुछ, वर्षों से महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं।

विनेश फोगाट ने कहा - कई युवा महिला पहलवानों ने मुझसे राष्ट्रीय शिविरों में यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। मैं कम से कम 20 लड़कियों को जानती हूं जिन्हें राष्ट्रीय शिविर में यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। आज मैंने यह कह रही हूं, मुझे नहीं पता कि मैं कल जीवित रहूंगी या नहीं। डब्ल्यूएफआई के लोग काफी ताकतवर हैं।

आरोपों में घिरे बीजेपी सांसद ब्रजभूषण सिंह गोंडा के रहने वाले हैं और कैसरगंज से चुनाव लड़ते हैं। उनकी गिनती दंबग नेताओं में होती है। वो खुद को हिन्दूवादी नेता कहते हैं। मुख्तार अंसारी और उनके बीच लंबे समय तक अनबन रही है। वो 1991 में पहली बार सांसद चुने गए थे। इसके बाद वो पांच बार और सांसद बने। इस तरह वो 6 बार के बीजेपी सांसद हैं। लेकिन बीच में वो सपा में भी गए थे और सपा टिकट पर भी जीते थे। उन्हें 2011 में भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष चुना गया था। उसके बाद वो तीन बार इस संस्था के अध्यक्ष चुने गए। 

इस बीच एक पहलवान दिव्या काकरान ने ट्वीट करके कहा कि ब्रजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोप लगत हैं। यहां ये बताना जरूरी है कि कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने वाली दिव्या काकरान इससे पहले खिलाड़ियों को सुविधा न मिलने के खिलाफ आवाज उठी चुकी हैं।

आरोपों के बाद संस्था के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह ने तमाम आरोपो ंका खंडन किया और कहा कि अगर आरोप साबित हुए तो वो फांसी लगा लेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ ने हाल ही में अपने नियम बनाए हैं, उसी वजह से ये सारा विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने बजरंग पूनिया और अन्य पहलवानों से संपर्क की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा।

डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने पहलवानों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे राष्ट्रीय स्तर पर ट्रायल देने या खेलने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनके खिलाफ एक सुनियोजित साजिश है। जब मुझे पता चला कि दिल्ली में पहलवानों ने विरोध करना शुरू कर दिया है, तो मुझे नहीं पता था कि आरोप क्या है। मैं फ्लाइट लेकर दिल्ली आया।

उन्होंने कहा कि विनेश ने यौन शोषण के जो आरोप लगाए हैं, क्या कोई इन आरोपों की पुष्टि के लिए कोई आगे आ रहा है? क्या कोई एथलीट है जो इन आरोपों के साथ आगे आए है और कहे कि मैंने किसी प्रकार का यौन उत्पीड़न किया है?

महासंघ तानाशाह की तरह काम करने के आरोप पर कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह ने कहा कि ऐसे खिलाड़ी न ट्रायल देंगे, न नेशनल लेवल पर खेलेंगे। दिक्कत तब होती है जब फेडरेशन नियम बनाता है। ये खिलाड़ी जो आज धरने पर बैठे हैं, उनमें से एक भी नेशनल लेवल पर नहीं खेला।

बजरंग पुनिया ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा हमारा विरोध कुश्ती महासंघ के खिलाफ है जो पहलवानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखे बिना काम कर रहा है। इस विरोध का  राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। हमने यहां किसी राजनेता को आमंत्रित नहीं किया है। यह विशुद्ध रूप से पहलवानों का विरोध है।

 - Satya Hindi

जंतर मंतर पर बुधवार को धरना देते पहलवान

ओलंपिक पदक विजेता ने यह भी कहा, "हम यहां उन पहलवानों के मुद्दे को उठाने के लिए हैं, जिनकी निर्णय प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता है। पहलवानों ने चुपचाप बहुत कुछ झेला है लेकिन अब हमने तय किया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा लिए जा रहे एकतरफा फैसलों के खिलाफ अब हम चुप नहीं रहेंगे। भारत के सभी शीर्ष पहलवान तब तक राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग नहीं लेंगे जब तक कि हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं और भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा हमारे साथ बेहतर व्यवहार नहीं किया जाता। हमारा प्रधानमंत्री  और गृह मंत्री कार्यालय से अनुरोध है कि वे हमारी और खेल की मदद करें।

मालीवाल का समर्थन

विनेश फोगाट और अन्य महिला पहलवानों ने जैसे ही जंतर मंतर पर अपना धरना शुरू किया, दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाती मालीवाल ने जंतर मंतर जाकर महिला पहलवानों के आंदोलन का समर्थन कर दिया। स्वाती ने रात को ही ट्वीट करके कहा - अभी जंतर मंतर जाकर देश की चैंपियन हलवानों से मिली। उन्होंने हमारे तिरंगे की शान बढ़ाई है। बड़े दुख की बात है कि उन्हें आज इस कड़ाके की सर्दी में सड़क पर बैठना पड़ रहा है। हम मज़बूती से उनके साथ खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाएँगे।

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