सेंसर बोर्ड ने क्या 'बैलेंस' करने के लिए 'पठान' में बदलाव करने को कहा?
'पठान' फिल्म में अब बदलाव होगा। बीजेपी के मंत्री, नेताओं ने विरोध किया। दक्षिणपंथी लोगों ने सोशल मीडिया पर बवाल किया और अब सेंसर बोर्ड की इस फ़िल्म पर प्रतिक्रिया आई है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन यानी सीबीएफसी ने शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की आने वाली फिल्म 'पठान' के निर्माताओं को गाने सहित फिल्म में कुछ बदलाव करने को कहा है। सीबीएफ़सी के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा है कि फिल्म का एक संशोधित संस्करण पेश करने की सलाह दी गई है।
इस फ़िल्म को लेकर प्रसून जोशी ने क्या कहा है, यह जानने से पहले यह जान लीजिए कि पठान पर आख़िर विवाद क्या है। हाल ही में ‘पठान’ के टीज़र में इसका पहला गाना 'बेशरम रंग...' रिलीज किया गया है। इसमें शाहरूख ख़ान और दीपिका पादुकोण ने बेहद बोल्ड सीन दिए हैं। इसको लेकर और अभिनेताओं की वेशभूषा को लेकर विरोध हो रहा है। विरोध करने वालों में मंत्री तक शामिल हैं।
शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म पर बॉयकॉट पठान ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। यह फिल्म 25 जनवरी, 2023 को रिलीज होगी। वैसे तो विरोध करने वाले फिल्म में सीन और वेशभूषा को लेकर आपत्ति होने की बात कह रहे हैं, लेकिन इस पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि इससे भी ज़्यादा बोल्ड सीन वाली और ऐसी वेशभूषा वाली कई फ़िल्में आ चुकी हैं तो विरोध क्यों नहीं हुआ था?
ऐसे लोगों का कहना है कि दरअसल यह विरोध शाहरूख ख़ान और दीपिका पादुकोण की वजह से है। वैसे, नरोत्तम मिश्रा ने तो दीपिका पादुकोण का नाम लेकर आपत्ति जताई थी।
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने फिल्म का टीज़र रिलीज होने के बाद ही कहा था कि “फ़िल्म के गाने में इस्तेमाल की गई वेशभूषा प्रथम दृष्टया बेहद आपत्तिजनक है। साफ़ दिख रहा है कि यह गाना दूषित मानसिकता के कारण फ़िल्माया गया है। वैसे भी दीपिका पादुकोण ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की समर्थक रही हैं, इसलिए मैं यह निवेदन करूंगा कि इसके दृश्यों को ठीक करें। वेशभूषा को ठीक करें। अन्यथा मध्य प्रदेश में इस फिल्म को अनुमति दी जाए या नहीं दी जाए, यह विचारणीय प्रश्न होगा।”
महाराष्ट्र बीजेपी के नेता राम कदम ने कहा था कि फ़िल्म निर्माताओं को अपनी स्थिति साफ़ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य हिंदुत्व का अपमान करने वाली किसी भी फिल्म या धारावाहिक का प्रदर्शन नहीं करेगा।
राम कदम ने एक के बाद एक ट्वीट कर फिल्म निर्माताओं से यह भी सवाल किया कि क्या फिल्म 'सस्ते प्रचार' हासिल करने की चाल थी या उनके फैसले के पीछे कोई साजिश थी। उन्होंने ट्वीट में लिखा, '...JNUधारी का क्या ज़नेउ धारी विचारधारा को जानबूझकर आहत करने का ये दुस्साहस है?'
इंदौर में कार्यकर्ताओं के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन भी किया और दीपिका और शाहरुख के पुतले जलाए।
इस तरह की आपत्तियों और बयानबाजियों के बीच ही रिपोर्ट आई है कि फिल्म प्रमाणन के लिए सीबीएफसी एग्ज़ामिनेशन कमिटी के पास पहुंची और बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार उचित और पूरी तरह से जाँच प्रक्रिया से गुजरी।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीएफसी के चेयरपर्सन प्रसून जोशी ने कहा, 'पठान सीबीएफसी के दिशानिर्देशों के अनुसार नियत और जांच प्रक्रिया से गुजरी। समिति ने निर्माताओं को फिल्म में गाने सहित सुझाए गए बदलावों को लागू करने और रिलीज से पहले संशोधित संस्करण प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिया है।'
रिपोर्ट के अनुसार जोशी ने कहा कि 'सीबीएफ़सी रचनात्मक अभिव्यक्ति और दर्शकों की संवेदनशीलता के बीच सही संतुलन खोजने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है और उसका मानना है कि हम हमेशा सभी हितधारकों के बीच सार्थक बातचीत के माध्यम से समाधान ढूंढ सकते हैं।'